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तो ताकतवर प्रॉपर्टी कारोबारियों के साथ मिलकर गरीबों की रोजी-रोटी उजाड़ने लगा बीडीए

प्रॉपर्टी कारोबार करने वाले भाजपा नेता हरिशंकर गंगवार के साथ सांठगांठ करके बीडीए ने जिस तरह तीस साल पुरानी दुकानों पर बुल्डोजर चलाया है। उससे शहर में नई परंपरा पड़ गई है

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Sudhakar Shukla
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बरेली, वाईबीएन संवाददाता

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बड़े प्रॉपर्टी कारोबारी और भाजपा नेता हरीशंकर गंगवार से मोटी डील करके जिस तरह बरेली विकास प्राधिकरण के अफसरों ने तीस साल पुरानी गुलजार मार्केट की बिल्डिंग को मनमाने तरीके से आनन-फानन में बुल्डोजर चलाकर गिरा दिया। उससे शहरवासियों में बीडीए के प्रति न केवल गलत संदेश गया है बल्कि एक नई परंपरा भी पड़ गई है। इस घटना के बाद अब यह चर्चा आम है कि भविष्य में शहर का कोई भी ताकतवर प्राॅपर्टी कारोबारी या सत्ता से जुड़ा नेता अपनी दुकान, मकान या मार्केट खाली कराने के लिए बीडीए से मोटी डील करेगा। फिर बीडीए का बुल्डोजर नियमानुसार कार्रवाई के नाम पर तत्काल एक या दो घंटे में किसी को भी घर से बेघर कर देगा। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार अपने बयानों में यह साफ कहा है कि उनकी सरकार का बुल्डोजर किसी गरीब या सभ्य व्यक्ति के घर नहीं चलना चाहिए। सरकार का बुल्डोजर गुंडे बदमाश या भू-माफियाओं के लिए है। मगर, बरेली में बीडीए का बुल्डोजर प्रॉपर्टी कारोबारी के पक्ष में चलने लगा है। वह भी मोटी डील करके। इस बात की चर्चा पूरे शहर में है। बीडीए ने तीस साल से पगड़ी देकर दुकानों में कारोबार करके अपना परिवार पालने वाले दर्जनों दुकानदारों की जिस तरह तीन घंटे में रोजी-रोटी छीन ली। उससे प्राधिकरण के क्रिया कलापों पर सवालिया निशान लग गया है। बीडीए के अफसरों ने जिस तरह से प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़े भाजपा नेता हरिशंकर गंगवार से मोटी डील करके तीन घंटे के अंदर गुलजार मार्केट में एक साथ कई बुल्डोजर चलाकर उसे गिराया। उससे शहर का प्रत्येक व्यक्ति आशंकित है।

ये कौन सा नियम है वीसी साहब

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खास बात यह है कि बीडीए वीसी ने अपनी बुल्डोजर कार्रवाई को नियमानुसार बताकर डंडे के बल पर सबको चुप भी करा दिया। जबकि हकीकत में बुल्डोजर की ये बुल्डोजर कार्रवाई न तो नियमानुसार थी, न ही गुलजार मार्केट की दुकानों पर बुल्डोजर चलाने की ऐसी कोई जल्दी थी। गुलजार मार्केट के दुकानदार न ही भू-माफिया थे, न ही उन पर किसी कोर्ट में केस चल रहे थे। फिर आखिर बीडीए को इतनी जल्दी बुल्डोजर चलाने की क्या जल्दी आन पड़ी। इस सवाल का जवाब बीडीए के किसी अफसर के पास नहीं है। फिर व्यापारी दुकानों का मानिचत्र दिखाने के अलावा कोर्ट के स्टे की अपील भी बीडीए अफसरों को दिखाते रहे। मगर, होना तो वही था, जो स्क्रिप्ट पहले लिख चुकी थी। तो आखिर, किसी की क्यों सुनते। 

शहर के नागरिक एक तरफा कार्रवाई से आश्चर्यचकित 

बीडीए के अफसरों ने प्रॉपर्टी कारोबारी भाजपा नेता हरिशंकर गंगवार के साथ मोटी डील करने के बाद जिस तरह की एक तरफा बात की। उससे शहर के  प्रतिष्ठित नागरिक आश्चर्यचकित हैं। अब शहर में यह चर्चा आम है कि नगर निगम और बीडीए में पैसा और सत्ता की ताकत ही चलेगी। बाकी डंडे के बल पर चुप कराए जाएंगे। जिस तरह से आनन-फानन में गुलजार मार्केट पर बुल्डोजर चलाकर दर्जनों दुकानदारों की दो वक्त की रोजी रोटी छीन ली गई। इतनी मानवता भी नहीं दिखाई कि दुकानदारों काे उनका सामान बाहर निकल जाने देते। उसकी वजह सिर्फ एक थी, वह यह कि प्रॉपर्टी कारोबारी के साथ बीडीए की मोटी डील। भाजपा नेता और बीडीए की डील के खेल में गुलजार मार्केट तो ध्वस्त हो चुकी है। दुकानदार भी सड़क पर हैं। मार्केट ध्वस्त होने के बाद भाजपा नेता की जमीन खाली हो गई। उस जमीन के रेट भी तीन गुने हो गए हैं। खेल में शामिल बीडीए के अफसर भी खुश हैं। मगर, निराश हैं तो सड़क पर आकर अपनी रोजी-रोटी खो चुके दुकानदार। बीडीए की इस नई परंपरा ने शहरवासियों को झकझोर कर रख दिया है।  

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सोमवार को बुलाया, दो घंटे में बुल्डोजर चलाया  

शनिवार को गुलजार मार्केट के ध्वस्तीकरण का नोटिस वापस कराने के लिए उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पदाधिकारी बीडीए वीसी माणिकनंदन ए से मिलने प्राधिकरण के नए वाले लग्जरी ऑफिस में गए थे। यहां व्यापारियों का बीडीए वीसी से गुलजार मार्केट के ध्वस्तीकरण नोटिस को लेकर काफी विवाद भी हुआ। मगर, व्यापारियों ने बताया कि वीसी ने पीड़ित दुकानदारों में से किसी की भी न सुनी। वह केवल गुलजार मार्केट के नियम विरुद्ध बने होने का हवाला देकर भाजपा नेता के पक्ष में मार्केट ध्वस्तीकरण की एक तरफा भाषा बोल रहे थे। जब व्यापारियों ने इसका विरोध किया तो उन्होंने तुरंत पुलिस बुलाकर उनको ऑफिस से बाहर निकलने का दबाव बना दिया। इससे व्यापारी बीडीए ऑफिस से चले गए। मगर, किसी व्यापारी को यह उम्मीद बिल्कुल नहीं थी कि एक या दो घंटे में ही बुल्डोजर एक्शन हो जाएगा। एक प्रत्यक्षदर्शी व्यापारी के अनुसार उस बातचीत में यह तय हुआ था कि बीडीए वीसी सोमवार को व्यापारियों से गुलजार मार्केट के ध्वस्तीकरण नोटिस पर बातचीत करेंगे। तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। 

सिर्फ भाजपा नेता का खेल चला, बाकी सब चुप  

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बीडीए के इस पूरे रवैये पर एक नजर डालें तो साफ पता चलता है कि प्रधिकरण ने पूरी कार्रवाई प्रॉपर्टी कारोबारी और भाजपा नेता हरिशंकर गंगवार के पक्ष में एक तरफा की। बीडीए के बुल्डोजर में सिर्फ भाजपा नेता की ताकत और पैसे का खेल चला। बाकी सबको डंडे के बल पर चुप कराया गया। सूत्रों के अनुसार जब व्यापारी बीडीए ऑफिस से चले गए तो तमाम मीडिया कर्मी भी बीडीए वीसी से इस मसले पर बातचीत करने उनके दफ्तर गए। मगर, उनके स्टाफ ने यह कहकर मीडिया कर्मियों को बीडीए वीसी से नहीं मिलवाया कि अभी साहब अपने कक्ष में सचिव से बातचीत कर रहे हैं। साहब ने बीडीए सचिव ने अपने कक्ष में एक से डेढ़ घंटे तक एकांत में लंबी वार्ता की। वह शायद, गुलजार मार्केट पर बुल्डोजर चलाने के बारे में ही थी। उसके तुरंत बाद बीडीए के बुल्डोजर गुलजार मार्केट पहुंच गए और पूरी मार्केट तीन घंटे में गिरा दी। पीड़ित दुकानदारों का सामान तक नहीं निकालने दिया। 

वर्जन 

हमने दुकानदारों को दुकानें खाली कराने के लिए पर्याप्त समय दिया। उसके बाद गुलजार मार्केट के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नियमानुसार की गई है। हम आगे भी मकान, दुकान और मार्केट के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नियमानुसार कार्रवाई करते रहेंगे।

माणिकनंदन ए , बीडीए वीसी बरेली

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