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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अनुप्रयुक्त दर्शनशास्त्र विभाग में संचालित योग विज्ञान स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राओं ने अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव-2025 में उत्साहपूर्वक एवं सक्रिय सहभागिता की। विभाग द्वारा विद्यार्थियों को योग दर्शन का सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण नियमित रूप से प्रदान किया जाता है। साथ ही, उन्हें देशभर में आयोजित विभिन्न योग महोत्सवों, कार्यशालाओं एवं सेमिनारों में भाग लेने के लिए निरंतर प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाता है।
मार्च 2025 के प्रथम सप्ताह में, योग विज्ञान स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम के छात्रों का एक दल विभागाध्यक्ष डॉ. ए. के. सिंह की प्रेरणा तथा सहायक प्रोफेसर डॉ. सेतवान और सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रियंका शाक्य के कुशल निर्देशन में उत्तराखंड स्थित ऋषिकेश में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में सहभागिता हेतु गया। इस महोत्सव में प्रतिभाग कर छात्रों को योग की वैश्विक दृष्टि, विभिन्न पद्धतियों एवं गुरुओं के अनुभवों से रूबरू होने का सुअवसर प्राप्त हुआ।
इस अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के दौरान विश्वविद्यालय के छात्रों को देश-विदेश में अपनी योग विद्या का परचम लहरा चुके प्रख्यात योगाचार्यों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का सुअवसर मिला। छात्रों ने विश्व स्तर पर योग का प्रसार कर रहे योग गुरुओं से योग के विविध आयामों का गहन अध्ययन किया। अनुप्रयुक्त दर्शनशास्त्र विभाग के योग विज्ञान पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने बिहार योग विद्यालय, मुंगेर के स्वामी आत्मस्वरूपानंद से पतंजलि योगसूत्र के गूढ़ रहस्यों को समझा तथा ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के परम पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती जी से आधुनिक जीवनशैली में योग की प्रासंगिकता पर आधारित प्रेरणादायक व्याख्यान सुना।
छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित योग विशेषज्ञों — जैसे कि श्रीमती उषा देवी, अक्षर योग केंद्र के ग्रैंड मास्टर अक्षर, परम पूज्य जितानंद महाराज तथा योगी कमल सिंह — से योगासन, मुद्राएं एवं बंध की व्यावहारिक विधियों का गहन प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त, ओशो ध्यान केंद्र के स्वामी बोधि वर्तमान एवं भाग्यश्री जोशी, योगी जयदेवन तथा मेघा चौधरी द्वारा ध्यान एवं प्राणायाम की विविध तकनीकों पर केंद्रित सत्रों के माध्यम से छात्रों को आंतरिक जागरूकता, मानसिक संतुलन एवं ऊर्जा नियंत्रण की कलाओं में प्रवीणता प्राप्त हुई।
डॉ. नवदीप जोशी, डॉ. नरेश चौधरी और लक्ष्मी नारायण जोशी ने योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के बीच गहरे संबंध को स्पष्ट करते हुए योग के महत्व को विस्तार से बताया। इस महोत्सव में विश्वविद्यालय के छात्रों ने योग के विभिन्न आयामों को गहराई से समझा और अनुभवी गुरुओं से प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त किया, जो उनके योगिक अध्ययन में महत्वपूर्ण साबित होगा।
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