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धोखाधड़ी की आरोपी सहायक अध्यापक वंदना वर्मा। Photograph: (Bareilly Police)
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धोखाधड़ी की आरोपी सहायक अध्यापक वंदना वर्मा। Photograph: (Bareilly Police)
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
Bareilly News : बैंक से धोखाधड़ी करके करोड़ों का लोन लेकर एशोआराम की जिंदगी जीने वाले गिरोह के एक और सदस्य को बरेली की प्रेमनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शातिर गिरोह सरगना महिला शिक्षिका समेत तीन आरोपियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार चुकी है।
वंदना वर्मा मूलरूप से बदायूं के कल्याणनगर की रहने वाली हैं। वह मनोहर भूषण इंटर कॉलेज में अग्रेजी की सहायक अध्यापक थीं और बरेली के डीडीपुरम में काफी समय से मकान बनाकर रह रही थीं। वंदना ने जन्मतिथि में हेराफेरी करके दो पैनकार्ड, आधार कार्ड बनवा लिए थे। जिनके जरिये उन्होंने बैंकों से करोड़ा का लोन ले रखा था। कई लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर उनसे ठगी भी की थी।
वंदना वर्मा का राजफाश करने वाला कोई और नहीं बल्कि उनका पति ही है। बदायूं के थाना सिविल लाइंस के मोहल्ला आदर्शनगर में रहने वाले वंदना के पति अमित कुमार ने एसएसपी अनुराग आर्य से शिकायत की कि वंदना ने दो पैन कार्ड और दो आधार कार्ड जन्मतिथि में अंतर करके फर्जी तरीके से बनवाए हैं। वंदना वर्मा ने अपने असली नियुक्ति पत्र से अपने गिरोह के लोगों के फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार किए हैं। इसके बाद bareilly police ने जांच की तो एक-एक कर परतें उधड़ती चली गईं।
वंदना वर्मा के पति ने खुलासा किया कि वंदना ने बैंक ऑफ बड़ौदा की विकास भवन और पुराना शहर की शाखाओं, यूनियन बैंक की शाखा प्रेमनगर, भारतीय स्टेट बैंक की कुर्मांचल नगर और गदरपुर उत्तराखंड की शाखा से फर्जी तरीके से तीन करोड़ रुपये का लोन लिया है। शिक्षिका ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल आरटीओ कार्यालय में भी किया है। वंदना ने विभाग से अनुमति लिए बिना विदेश यात्राएं भी कीं। शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने विभागीय जांच कराई तो दोषी पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया।
इस मामले में पुलिस वंदना वर्मा समेत गिरोह के चार सदस्यों को पहले ही जेल भेज चुकी है, इनमें वंदना वर्मा समेत अर्जुन रस्तोगी निवासी बीडीए कॉलोनी जागृति करगैना थाना सुभाषनगर और अनिल कुमार सक्सेना निवासी रामगंगा नगर, थाना बिधरी चैनपुर को पुलिस ने मार्च में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले में अनिल सक्सेना का बेटा रजत सक्सेना फरार चल रहा था, जिसे प्रेमनगर पुलिस ने बुधवार सुबह कुदेशिया पुल के नीचे से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में रजत ने बताया कि अर्जुन रस्तोगी उसका दोस्त है, जो लोन कराने का काम करता था। उसे और उसके पिता को पैसों की जरूरत थी। उसने अर्जुन को इस बारे में बताया तो उसने लोन कराने की बात कही। इस दौरान अर्जुन ने उसे अपनी दोस्त वंदना वर्मा से मिलवाया। वंदना ने ही उनके फर्जी कागजात तैयार कराए। जिस पर उन्होंने कुल 24 लाख का पर्सनल लोन लिया।
वंदना ने ही अपने आईकार्ड और सैलरी स्लिप देकर रजत और उसके पिता के फर्जी कागजात तैयार कराए थे। उसने ही कॉलेज की मुहर लगाकर उन पर हस्ताक्षर कराए थे। बैंक से जांच जब कॉलेज पहुंची तो वंदना ने ही फील्ड अफसर को संतुष्ट किया था। जांच के दौरान वंदना वर्मा ने अपने को वाइस प्रिंसिपल बताया, इस तरह रजत और उसके पिता ने एसबीआई की कुर्मांचलनगर शाखा से दलाल के जरिये लोन पास करा लिया। इसके बाद उन्होंने तय कमीशन के हिसाब से वंदना, अर्जुन और दलाल को उनका हिस्सा दे दिया था।
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