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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले दोषी को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रथम रामानंद की कोर्ट ने दस साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर कोर्ट ने 25 हजार रुपये को जुर्माना भी लगाया है।
मामला बरेली के क्योलड़िया थाना क्षेत्र के एक गांव का है। 10 अप्रैल 2015 को 12वीं में पढ़ने वाली 17 वर्षीय किशोरी को श्रीपाल जाटव बहलाकर अपने साथ ले गया था। शाम करीब चार बजे लड़की के माता-पिता खेत से गेहूं की कटाई करके घर लौटे और बेटी को घर पर न पाकर उसकी खोजबीन की तो गांव के कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि श्रीपाल के साथ उन्होंने उनकी बेटी को जाते देखा है।
किशोरी के पिता ने मामले की रिपोर्ट क्योलड़िया थाने में दर्ज कराई थी। करीब एक महीने बाद पुलिस ने सेटेलाइट बस अड्डे से किशोरी को खोज निकाला, जबकि श्रीपाल मौका पाकर फरार हो गया। किशोरी कोर्ट में बयान दिए कि श्रीपाल बहलाकर उसे अपने साथ ले गया था। बरेली के अखलनाथ मंदिर में जबरन उससे शादी की। फिर एक महीने तक उसे दिल्ली में किराये के कमरे में रखा। जब उसके पास पैसे खत्म हो गए तो वह उसे लेकर बरेली के सेटेलाइट बस अड्डे पहुंचा था।
पुलिस ने 7 गवाह और 16 साक्ष्य कोर्ट में किए पेश
पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के बाद किशोरी के कोर्ट में बयान कराए। विवेचना के बाद पुलिस ने कोर्ट ने चार्जशीट दाखिल की। सुनवाई के दौरान पुलिस ने कोर्ट में 7 गवाह ओर 16 साक्ष्य प्रस्तुत किए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने श्रीपाल को दोषी पाते हुए उसे दस साल की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
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