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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
बरेली के एक युवक ने बुआ की मौत के बाद उन्हें अपनी मां दर्शाकर वारिसान बनवा लिया। नौ साल बाद प्रशासन ने इस मामले की जांच कराई तो सच्चाई सामने आई। इस पर तहसील प्रशासन ने वारिसान निरस्त कर दिया है।
बरेली के डेलापीर इलाके में वीर सावरकर नगर में रहने वाले अजय गौड ने 18 सितंबर 2024 को जिला प्रशासन को शिकायती पत्र देकर बताया था कि बरेली के इंद्रानगर में रहने वाले आदेश कुमार ने मौसी की मौत के उन्हें अपनी मां दर्शाकर 17 जून 2016 को वारिसान अपने नाम बनवा लिया था।
अयज गौड की शिकायत पर तत्कालीन एसडीएम सदर ने जांच के आदेश दिए। जांच में पता चला कि आदेश कुमार के पिता असली नाम श्रीप्रकाश है और माता का नाम रामबेटी। वे बदायूं की बिसौली तहसील क्षेत्र के गांव अंबियापुर के रहने वाले हैं। उसने अपनी सगी बुआ मायादेवी को मां और फूफा स्वर्गीय बनवारी लाल निवासी गांव अंबियापुर, तहसील बिसौली, जिला बदायूं को पिता दर्शाया है।
बिसौली तहसील से भी कराई गई जांच
सदर तहसील प्रशासन ने मामले की पुष्टि के लिए बिसौली तहसील से भी पत्राचार करके जांच कराई। 21 मार्च को वहां से भेजी गई जांच रिपोर्ट में बताया गया कि आदेश कुमार के पिता का नाम श्रीपाल और माता का नाम रामबेटी है, जबकि आदेश कुमार ने अपनी सगी बुआ को मां दर्शाकर वारिसान जारी कराया है। इसके बाद सदर तहसील प्रशासन ने वारिसान निरस्त कर दिया। साथ ही चेतावनी दी कि अगर वारिसान का कोई लाभ लेने के लिए इस्तेमाल किया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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