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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
जीवन की आपाधापी और तनाव के बीच अगर कोई चीज हमें अंदर से मजबूत और सकारात्मक बनाए रखती है तो वह है हंसी। यही संदेश लेकर हर साल मई के पहले रविवार को विश्व हास्य दिवस (World Laughter Day) मनाया जाता है। इस वर्ष यह दिवस 4 मई 2025 को पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। हंसी को समर्पित इस दिन की शुरुआत वर्ष 1998 में भारत के डॉ. मदन कटारिया ने की थी। जो हास्य योग के जनक माने जाते हैं। उनका उद्देश्य था कि हंसी के माध्यम से दुनिया में शांति, सौहार्द और सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार किया जा सके।
पवन विहार कॉलोनी स्थित एनजीओ प्रकोष्ठ की जिला अध्यक्ष, राष्ट्रीय युवा जागरण भारत की बेबी शर्मा के निवास पर महिलाओं ने हास्य दिवस मनाया। इस दौरान सभी ने मिलकर खुलकर हंसी के पल साझा किए और बताया कि वह नियमित रूप से यहां आकर हंसते हैं ताकि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहें।
बेबी शर्मा ने कहा, "दुनिया में हंसी और खुशी से बड़ी कोई दूसरी शक्ति नहीं है। ये शक्तियां इंसान को जीवन ऊर्जा से भर देती हैं। हंसी न केवल मूड को बेहतर बनाती है, बल्कि यह तनाव दूर करने, इम्युनिटी बढ़ाने और हृदय स्वास्थ्य सुधारने में भी सहायक है।" उन्होंने बताया कि हंसी से शरीर में एंडोर्फिन नामक हार्मोन निकलता है, जो प्राकृतिक दर्द निवारक होता है और तनाव हार्मोन कोर्टिसोल को कम करता है।
इस कार्यक्रम में कंचन शर्मा, निधि मेहरा, नीतू टंडन, नीतू शर्मा, अनीता सक्सेना, रागिनी अग्रवाल आदि महिलाएं मौजूद रहीं।
कृष्णा पार्क कॉलोनी में स्थित गालो मुस्कुरालो वेलफेयर सोसाइटी के कार्यालय पर भी विश्व हास्य दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन सोसाइटी के सचिव अरुण शर्मा ने किया। उन्होंने बताया कि हास्य योग एक ऐसा व्यायाम है जिसमें बिना मज़ाक या कॉमेडी के जानबूझकर हंसी का अभ्यास किया जाता है। इसमें गहरी श्वास, तालियों के माध्यम से ऊर्जा जागरण और समूह में हंसने की तकनीकें शामिल होती हैं।
अरुण शर्मा ने प्रतिभागियों को बताया कि हंसी का अभ्यास कैसे करें गहरी सांस लें और छोड़ें, ताली बजाते हुए "हो हो, हा हा" का उच्चारण करें, और अंत में आंखें बंद कर शांति के साथ मुस्कराएं। यह अभ्यास मानसिक तनाव को कम करने और शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने में बेहद सहायक है।
इस अवसर पर कैलाश चंद शर्मा, एसपी ओबेरॉय, विपिन मेहरा, विकास जौहरी, राजीव सक्सेना, नीरज टंडन सहित कई लोग उपस्थित रहे।
निष्कर्षतः, हंसी केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि एक जीवनशक्ति है जो शरीर, मन और आत्मा को जोड़ती है। विश्व हास्य दिवस पर किए गए इन आयोजनों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सच्ची खुशी भीतर से आती है — एक मुस्कान से शुरू होकर पूरे समाज तक फैलती है।
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