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आईवीआरआई में वैज्ञानिको को जीनो टॉक्सिसिटी की विभिन्न तकनीकों का प्रशिक्षण

महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के प्राणि विज्ञान विभाग में भारत के विभिन्न स्थानो मध्य प्रदेश, मुबई, तमिलनाडु, केरल, IVRI भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र तथा CARI बरेली के वैज्ञानिकों ने भ्रमण किया।

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Sudhakar Shukla
IVRI
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बरेली संवाददाता

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बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय के प्राणि विज्ञान विभाग में भारत के विभिन्न स्थानो मध्य प्रदेश, मुबई, तमिलनाडु, केरल, IVRI भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र तथा CARI बरेली के वैज्ञानिकों ने भ्रमण किया। ये वैज्ञानिक Central Avian Research Institute आयोजित एक कार्यशाला (3-12 Feb) में आये हुए थे।

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जीनो टॉक्सिसिटी की विभिन्न तकनीकों का प्रशिक्षण दिया।

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सत्र की संसाधन व्यक्ति प्राणि विज्ञान विभाग की डॉ० आमा त्रिवेदी थी। इन्होने वैज्ञानिको को जीनो टॉक्सिसिटी की विभिन्न तकनीकों का प्रशिक्षण दिया।  इनमें मुख्य रूप से उन्होंने वैज्ञानिको को माइक्रोन्यूक्लियस (MN) तथा commet assay जैसी तकनीको का व्यावहारिक अभ्यास तथा अनुसंधान में उनके महत्व जैसे विषय पर चर्चा की। उन्होने बताया कि विभिन्न प्रदूषकों और रसायनो के सम्पर्क से कोशिकाओं में माइक्रोन्यूक्लियस का निर्माण होता हैं।  डीएनए फैगमेंटेशन के आधार पर विषाक्त पदार्थों को प्रभाव कैसे मापा जाय यह भी बताया।

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तकनीकों का उपयोग पार्यावरण विज्ञान में किया जा सकता है।

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वैज्ञानिकों ने उनके वक्तव्य को सराहा और कहा कि इन तकनीकों का उपयोग कैसर अनुसंधान, विष विज्ञान और पार्यावरण विज्ञान में किया जा सकता हैं। डॉ० आभा त्रिवेदी ने इस कार्य के प्रोत्साहन के लिए कुलपति प्रो० के० पी० सिंह तथा विभागाध्यक्ष प्रो ब्रजेश त्रिपाठी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस सत्र में शोध छात्र जुम्मन बख्श, नीति एवं वैष्णवी ने योगदान दिया।

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