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UP News: भू- माफिया सावन कुमार के गैंग पर पुलिस की सबसे बड़ी कार्रवाई

पुलिस ने निलंबित चकबंदी लेखपाल और भूमाफिया सावन कुमार की गैंग के खिलाफ अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस लगातार उन पर एफआईआर दर्ज करके इस गैंग को नेस्तनाबूद करने की पटकथा तैयार कर रही है।

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Suraj Kumar
पुलिस थाना, बरेली

पुलिस थाना, बरेली

बरेली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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निलंबित चकबंदी लेखपाल और भूमाफिया सावन कुमार के गैंग पर पुलिस ने तगड़ा शिकंजा कस दिया है। भू माफिया गैंग पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शहर के बडे़ ट्रांसपोर्टर विजय अग्रवाल समेत 45 भू माफियाओं पर संगीन धाराओं में एफआइआर दर्ज की है। इसमें 23 नामजद और इतने ही अज्ञात हैं। यह पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इस भूमिया गैंग पर अब तक आधा दर्जन से अधिक एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। गैंग के द्वारा शहर में कीमती प्लाटों और जमीनों पर कब्जे के नए मामले रोजाना सामने आ रहे हैं। पुलिस लगातार उन पर एफआईआर दर्ज करके इस गैंग को नेस्तनाबूद करने की पटकथा तैयार कर रही है। 

45 भू माफियाओं पर संगीन धाराओं में फिर एफआईआर

निलंबित चकबंदी लेखपाल सावन कुमार जायसवाल के भू माफिया गैंग के पीछे शहर के बडे़ ट्रांसपोर्टर की भूमिका की बात यंग भारत ने पहले ही बताई थी। ट्रांसपोर्टर विजय अग्रवाल के नाम से एफआइआर दर्ज होने के बाद यह आशंका सच साबित हुई। फर्जी तरीके से कूटरचित दस्तावेज बनाकर भू माफिया लेखपाल सावन कुमार जायसवाल ने अपने गैग के सदस्यों की मदद से इमरान की करोड़ो रूपए की जमीन किसी और को बेच दी। पीड़ित इमरान के अनुसार उसके पिता अथर हुसैन और भाई मोहम्मद हारिस ने 0.2020 हेक्टेयर जमीन रेहाना बेगम पत्नी इशरत उल्ला से मोहल्ला शाहाबाद में 15 जून 2005 को खरीदी थी। रिहाना बेगम ने यह जमीन अशफाक अहमद पुत्र हाजी करामतुल्लाह से 17 फरवरी वर्ष 2001 को खरीदी थी। अशफाक अहमद पुत्र हाजी करामतुल्लाह निवासी सैलानी बरेली ने यही जमीन मूल खातेदार सुल्तान खान पुत्र जगन खान निवासी तिरिया नियमित खान से 26 मार्च 1990 को खरीदी थी। उसमें जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया गया था।

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ये लोग थे ठगी में शामिल

इस जमीन को फर्जी कूटरचित वसीयत और बैनामा कराकर भू माफिया सावन कुमार के गैंग में शामिल उनके बेटे सुबोध कुमार निवासी आनंद विहार पीलीभीत बायपास रोड, भारत दीक्षित पुत्र जगदीश प्रसाद दीक्षित निवासी कैंपर स्टेट कॉलोनी थाना सीबीगंज बरेली और विजेंद्र केयर आफ भारत दीक्षित अमित सिंह पुत्र राज कपूर राठौर निवासी सुपर सिटी बरेली ट्रांसपोर्टर,  विजय कुमार अग्रवाल पुत्र स्वर्गीय महेंद्र शरण अग्रवाल निवासी जटवाड़ा किला बरेली , जगदीश प्रसाद पुत्र तुलाराम निवासी बिहार मैन नगला थाना इज्जत नगर बरेली, वीरपाल पुत्र केसरी लाल निवासी महत्वपूर्ण करोड़ बरेली मोहम्मद कैफ खान पुत्र मोहम्मद शाकिर खान निवासी मोहल्ला बक्सरिया तहसील फरीदपुर बरेली, अंकित त्रिपाठी और कार्तिक के त्रिपाठी पुत्र सुनील त्रिपाठी निवासी मोहल्ला चौधरी बरेली, मनीष कुमार पुत्र छेद लाल निवासी ग्राम भारत सुजानपुर बरेली, अक्षत सिंह पुत्र मजल कुमार निवासी ब्रह्मपुर बोर्ड बरेली, हरेंद्र सिंह पुत्र श्याम पाल सिंह निवासी ग्राम कमवा खुर्द केसरपुर बरेली, कुमार सक्सेना विवेक जायसवाल पुत्र संतोष कुमार निवासी वीर भट्टी सुभाष नगर बरेली , सौरभ यादव पुत्र राकेश यादव निवासी सुभाष नगर बरेली, असरार अली खान पुत्र मोहम्मद अली खान निवासी राजा चौक आजम नगर बरेली, धर्मपाल पुत्र नंदराम निवासी सिथौरा मणिनाथ बरेली सेवाराम पुत्र राणा प्रसाद निवासी बदायूं रोड मोती नगर बरेली, समेत 20 अज्ञात महिलाएं और पुरुष शामिल है। इन सब ने कूट रचित दस्तावेज बनवाकर जमीन को अपने नाम कराकर उसे किसी और को बेच दिया। 

पीड़ित के द्वारा बताया गया कि भूमिया सावन कुमार के गैंग ने इस जमीन का सर्वप्रथम कूट रचित फर्जी दस्तावेज 12 फरवरी 2002 को जगदीश प्रसाद बिहारमान नगला बरेली के नाम तैयार कराया। इसमें गवाह के रूप में अमित सिंह और वीरपाल के नाम दर्ज हैं। उसके बाद इसी गैंग ने  फर्जी दस्तावेज के आधार पर इस जमीन का एक बैनामा कराया। इसमें विक्रेता जगदीश प्रसाद पुत्र तुलाराम निवासी इज्जत नगर बिहार मैन नगला और क्रेता अंकित त्रिपाठी पुत्र सुनील त्रिपाठी निवासी मोहल्ला चौधरी अक्षत सिंह पुत्र मंजिल कुमार निवासी ब्रह्मपुरा बरेली आदि शामिल है। पीड़ित के अनुसार भू माफिया सावन कुमार के गैंग के सदस्यों ने उस पर दबाव बनाने की नीयत से 9 दिसंबर 2022 को रंगदारी मांगने का झूठा मुकदमा थाना किला में दर्ज़ कर दिया। उसने 27 नवंबर 2022 को इस गैंग के विरुद्ध किला पुलिस को एक प्रार्थना पत्र दिया था। जिसका मुकदमा 13 दिन बाद दर्ज किया गया था। पीड़ित के अनुसार उसका परिवार व्यापारी वर्ग से है।  इसलिए इन भू माफियाओं और उसके गैंग के लोगों ने इस मुकदमे में जान से मारने का भय दिखाते हुए बहुत कम कीमत पर जमीन का इकरारनामा भी कर लिया था। इकरारनामा में यह बात दर्ज कराई गई थी कि वह बैनामा कराने के बाद ही कब्जा और दखल देगा। इसके बावजूद 4 अप्रैल 2024 को सावन कुमार के गैंग ने जब उसकी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया तो उसके चौकीदार ने रात्रि लगभग 10:00 बजे उसे सूचना दी। चौकीदार ने बताया कि सावन कुमार गैंग के 30 - 35 अज्ञात सदस्य महंगी लग्जरी गाड़ियों के साथ प्लाट पर मौजूद हैं। जब उसने मौके पर जाकर देखा तो भू माफिया सावन कुमार गैंग के सारे सदस्य उसके पास आ गए और उसको घेर लिया। फिर वह उसकी अटैची भी उसके हाथों से छीन ले गए। उस अटैची में कीमती चीजे भी थी l। इस दौरान भू माफिया गैंग के सदस्यों ने उसके भाई को बंधक बनाकर बहुत मारा पीटा और उस पर अवैध असलह तान दिया। साथ ही कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी तो जान से मार दिया जाएगा। 

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एफआईआर में 23 नामजद और इतने ही अज्ञात 

 इस मामले की फिर 4 में 2024 को थाना प्रेम नगर में दर्ज कराई गई थी पीड़ित के अनुसार इस भूमिया गैंग में 50 से ज्यादा सदस्य हैं। यह फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर जमीनों और प्लाटों पर कब्जा करते हैं शहर के तमाम लोग इस गैंग से आतंकित हैं। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर 23 नाम जज और 20 से ज्यादा अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है। भूमिया सावन कुमार के गैंग की जांच एसपी सिटी के नेतृत्व में बनी एक पुलिस की टीम कर रही है।

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