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बरेली, वाईबीएन संवाददाता
जनपद में आज, 24 अप्रैल, 2025 से गलाघोंटू (डिप्थीरिया) और टिटनेस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान 10 मई तक सभी ब्लॉक और शहरी क्षेत्रों के विद्यालयों में चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत कक्षा पांच (10 वर्ष के बच्चे) और कक्षा 10 (16 वर्ष के बच्चे) में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं को टिटनेस डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को इन खतरनाक बीमारियों से बचाना और स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि डिप्थीरिया एक संक्रामक बीमारी है, जो बैक्टीरिया के कारण होती है। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशानुसार, जिले के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में यह विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा, ताकि सभी पात्र बच्चों को सुरक्षा कवच प्रदान किया जा सके।
अभियान की तैयारियों को लेकर सभी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। शिक्षा विभाग इस महत्वपूर्ण कार्य में सक्रिय सहयोग कर रहा है, जिसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया गया है। इसके अतिरिक्त, आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम को भी शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर टीडी टीकाकरण से पहले अभिभावकों को जागरूक करने और उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण के बाद किसी भी संभावित प्रतिकूल प्रतिक्रिया के प्रबंधन के लिए टीकाकरण स्थलों पर आवश्यक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की हैं।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. प्रशांत रंजन ने बताया कि इस अभियान के दौरान सभी विद्यालयों में कक्षा पांच के बच्चों को टीडी-10 का टीका और कक्षा 10 के बच्चों को टीडी-16 का टीका लगाया जाएगा। जिले के कुल 2,967 विद्यालयों के कक्षा 5 के 46,359 और कक्षा 10 के 50,713 बच्चों को टीडी के टीके से आच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
डॉ. रंजन ने डिप्थीरिया बीमारी के बारे में बताते हुए कहा कि इसका बैक्टीरिया नाक और गले की श्लेष्मा झिल्ली को प्रभावित करता है और संक्रमण के दो से चार दिनों के बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यह बीमारी न केवल बच्चों बल्कि वयस्कों को भी प्रभावित कर सकती है।
डिप्थीरिया के लक्षण: बुखार, जुकाम, सिर दर्द, नाक बहना, गले की ग्रंथियों में सूजन, कमजोरी और कब्ज डिप्थीरिया के प्रमुख लक्षण हैं।
बीमारी से बचाव के उपाय: डॉ. रंजन ने बताया कि टीकाकरण ही इस बीमारी से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है। बच्चों को डेढ़ माह, ढाई माह और साढ़े तीन माह की आयु में पेंटावेलेंट का टीका लगवाना चाहिए। इसके बाद 16 से 24 माह और पांच से सात वर्ष की आयु के बीच में डीपीटी का बूस्टर डोज लगवाना जरूरी है। इसके अतिरिक्त, 10 और 16 साल की आयु में टीडी का टीका लगवाना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
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