/young-bharat-news/media/media_files/2025/03/25/qKPVPJFuXBPsLcY4tkpo.jpg)
00:00
/ 00:00
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
बरेली, वाईबीएन संवाददाता
स्वरोजगार से जुड़कर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं न सिर्फ सशक्त बन रहीं है, बल्कि देश और समाज में अपनी अलग पहचान बना रही हैं। एक समय था जब इन महिलाओं ने खुद को घर की चहारदीवारी तक सीमित कर रखा था और पति या पिता के नाम से इन की पहचान थी लेकिन आज ये महिलाएं अपने नाम से जानी जाती है और पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर परिवार चलाने में हाथ बंटा रही है।
भाजपा की योगी सरकार को 8 साल पूरे होने पर बरेली के स्मार्ट सिटी ऑडिटोरियम में मंगलवार को मेला लगाया गया। इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने सुनीता गंगवार के क्लस्टर को उप्र राज्य ग्रामीण अजीविका मिशन की ओर 22 करोड़ 23 लाख का चेक सौंपा। बरेली के भोजीपुरा ब्लॉक के गांव वीरपुर मकरूका की रहने वाली सुनीता गंगवार ने साल 2020 में आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में कदम उठाया। उन्होंने रोशनी स्वयं सहायता समूह का गठन किया। इसके बाद उनके कदम नहीं रुके। आज उनके क्लस्टर से 15 गांव के समूह जुड़े हैं, जिनमें 1500 से ज्यादा महिलाएं विभिन्न काम करके अपनी अजीविका चला रही हैं।
रोशनी स्वयं सहायता समूह की गुंजन शुक्ला ने बताया कि आज उनके क्लस्टर से करीब 1500 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। एक क्लस्टर में 15 गांव आते हैं और हर-गांव में दस-दस समूह हैं। एक समूह दस महिलाओं का होता, इस लिहाज से करीब 15 सौ महिलाएं अपनी अजीविका चला रही हैं। ये समूह मसाले, चप्पल, जरी जारदोजी, फास्ट फूड, डेयरी, दोना-प्लेट, स्कूल ड्रेस से लेकर झंडे बनाने समेत अन्य काम कर रहे हैं।
गुंजन शुक्ला ने बताया कि उनके क्लस्टर में कई महिलाएं ऐसी है, जिनके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा है या फिर पति की मौत हो चुकी है और घर चलाने की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई है। ऐसे में इन महिलाओं ने समूह से जुड़कर खुद को इस लायक बनाया कि अपने परिवार का बोझ उठा सके। आज ये सभी महिलाएं सफलतापूर्वक अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं।