नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में अब सिर्फ 6 महीने का वक्त बाकी है। सभी राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। भाजपा (BJP) ने चुनावी रणनीतियों को धार देना शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कई बार बिहार का दौरा कर चुके हैं और बिहार की भाजपा यूनिट भी पूरी तरह एक्टिव हो चुकी है। भाजपा ने इस बार जीत के लिए अलग रणनीति बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की नजर बिहार के 2 करोड़ प्रवासियों पर है। क्या है प्लान? आइए जानते हैं।
क्या है भाजपा की रणनीति?
भाजपा की नजर उन करीब 2 करोड़ प्रवासी बिहारियों पर है, जो दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में रोजगार के लिए बसे हैं। इनमें से करीब 1.3 करोड़ लोगों का नाम आज भी बिहार की मतदाता सूची में दर्ज है, लेकिन ये अक्सर मतदान के दिन वोट डालने नहीं पहुंचते। पार्टी की योजना है कि ऐसे लोगों को न सिर्फ वोटिंग के लिए प्रेरित किया जाए, बल्कि उनके जरिए बिहार में रहने वाले परिजनों को भी भाजपा के पक्ष में किया जाए।
बाजी पलटेंगे प्रवासी मतदाता?
2020 के विधानसभा चुनावों में एनडीए और महागठबंधन के बीच बेहद करीबी मुकाबला हुआ था। अब जबकि राज्य में पांच साल की एंटी-इनकम्बेंसी जुड़ गई है, तो चुनाव और भी रोचक हो गया है। भाजपा को लगता है कि अगर प्रवासी मतदाता सक्रिय हो जाएं, तो वह निर्णायक बढ़त दिला सकते हैं> पार्टी के आंतरिक आंकड़ों के अनुसार, 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को करीब 1.57 करोड़ वोट मिले थे। अब यदि 1.3 करोड़ प्रवासी मतदाताओं में से बड़ी संख्या में लोग वोट देने बिहार पहुंचते हैं, तो नतीजों में बड़ा फेरबदल हो सकता है। इसलिए भाजपा ने अभी से संपर्क अभियान शुरू करने की योजना बनाई है।
दिल्ली समेत अन्य राज्यों में बैठकें करेगी भाजपा
इस रणनीति का उद्देश्य है कि प्रवासी बिहारियों में प्रभावशाली चेहरों को साधा जाए, क्योंकि वे आज भी अपने गांव-समाज में गहरी पैठ रखते हैं। पार्टी मानती है कि ये लोग न सिर्फ खुद वोट डाल सकते हैं, बल्कि अपने प्रभाव से दर्जनों वोटों को प्रभावित कर सकते हैं। भाजपा दिल्ली, मुंबई, सूरत, लखनऊ, गाजियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा जैसे शहरों पर विशेष ध्यान दे रही है, जहां बड़ी संख्या में बिहार के लोग रहते हैं। इन शहरों में छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करने की योजना है, जिनमें बिहार से भाजपा नेता भी शामिल होंगे। पार्टी को उम्मीद है कि यह रणनीति बिहार के नतीजों को निर्णायक रूप से प्रभावित कर सकती है।
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