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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर मध्य प्रदेश के भाजपा नेता मनोहर धाकड़ का सीसीटीवी कैमरे में कैद आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के मामले में तीन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। बर्खास्त किए गए सभी कर्मचारी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के नहीं हैं, बल्कि NHAI के साथ कॉन्ट्रैक्ट पर कार्य कर रही रोड मेंटेनेंस और मॉनिटरिंग एजेंसी–एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से जुड़े थे। इस बीच खबर है कि धाकड़ को 24 घंटे के भीतर ही कोर्ट से इस मामले में जमानत भी मिल गई।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप पाटीदार ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए बताया कि NHAI द्वारा वीडियो वायरल होने की सूचना एमकेसी कंपनी को दी गई थी, जिसके बाद जांच के उपरांत कंपनी ने तीनों दोषी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। ये सभी कर्मचारी 13 मई की रात को नाइट शिफ्ट में कार्यरत थे। प्रशासन की सख्ती और संवेदनशील फुटेज की गोपनीयता को लेकर अब निगरानी और नियंत्रण के स्तर को और पुख्ता किये जाने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि ब्लैकमेलिंग की कहानी भी इस पूरे कांड के पीछे बताई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि मंदसौर जिले से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर खुलेआम संबंध बनाने वाले कथित भाजपा नेता का वीडियो बीते कई दिनों से चर्चा में है। वीडियो में दिखने वाले नेता मनोहरलाल धाकड़ को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि 24 घंटे के अंतराल में उसे जमानत भी मिल गई। वहीं, उनके साथ नजर आ रही महिला की भी तलाश की जा रही है। अब हर किसी के मन में सवाल है कि आखिर वो कौन थी? उसकी क्या मजबूरी रही कि वह नेताजी के खुली सड़क पर संबंध बनाने को तैयार हो गई? खैर, पुलिस ने महिला के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है और उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस का दावा है कि महिला की पहचान हो गई है।
यह पूरा मामला 22 मई को वायरल हुए वीडियो के बाद चर्चा में आया। हालांकि, वायरल वीडियो 13 मई का है। इसके इतने दिनों बाद सामने आने के पीछे भी ब्लैकमेलिंग की बात सामने आई है। NHAI ने तीन कर्मचारियों को भी निलंबित किया है। पुलिस का कहना है कि जरूरत पड़ी तो इनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जा सकता है। इधर, पूर्व भाजपा नेता मनोहर लाल धाकड़ की गिरफ्तारी के बाद महिला की तलाश तेज हो गई है। इधर, सोमवार शाम मनोहरलाल धाकड़ को जमानत भी मिल गई। लेकिन महिला की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
इस घटनाक्रम के बाद मंदसौर जिले की राजनीति में हलचल मच गई है। भाजपा की स्थानीय इकाई ने फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन पार्टी के भीतर नाराजगी देखी जा रही है। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है और ऐसे नेताओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस वायरल वीडियो की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी, ताकि इसकी प्रामाणिकता सुनिश्चित की जा सके। यदि वीडियो असली पाया जाता है, तो आरोपी के खिलाफ आईटी एक्ट और अन्य धाराओं में कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राजनीति में नैतिकता और आचरण के मानक किस हद तक गिरते जा रहे हैं। जनता और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों को पार्टी से भी तत्काल निष्कासित किया जाए और कानूनी कार्रवाई के जरिए सख्त संदेश दिया जाए।