पटना, वाईबीएन नेटवर्क।
विधानमंडल का बजट सत्र सोमवार को होली के बाद शुरू हुआ। 10वें दिन विपक्ष ने फिर से सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की। प्रदेश में बढ़ते अपराधों के खिलाफ विपक्ष ने न सिर्फ सदन के बाहर, बल्कि अंदर भी हंगामा किया, जिससे सत्र की कार्यवाही में रुकावट आई।
विपक्ष ने उठाया अपराधों का मुद्दा
विपक्ष का आरोप था कि राज्य में आपराधिक घटनाओं में तेज़ी आई है, और सरकार इस पर कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है। मुंगेर और अररिया में पुलिस अधिकारियों की हत्या समेत कई घटनाओं ने विपक्ष को और आक्रामक बना दिया। विपक्ष के सदस्य तख्तियां लेकर विधानसभा पहुंचे और परिसर में नारेबाजी की।
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नीतीश सरकार को घेरा
राजद विधायक मुकेश रौशन ने कहा कि बिहार में खून की होली खेली गई है, जबकि यहां कानून का राज होने का दावा किया जाता है। सत्ता में बैठे लोग अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं। वहीं, विधायक भाई वीरेंद्र ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पुलिस ही सुरक्षित नहीं है, तो आम जनता का क्या हाल होगा? अपराधी खुलेआम घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यह सरकार पूरी तरह से असफल है।
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विधानसभा में हंगामा
जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य वेल में घुस आए और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विपक्षी विधायकों से अपने स्थान पर बैठने का आग्रह किया, लेकिन विरोधी विधायक नहीं माने। मार्शल्स ने उनकी तख्तियां छीनने की कोशिश की, लेकिन इस दौरान प्रश्नकाल चलता रहा।