Advertisment

Bihar - शिक्षा विभाग का नया फरमान, इस कार्य से DEO होंगे मुक्त, प्रधानाचार्य को बड़ी जिम्मेदारी

बिहार में शिक्षा विभाग की नई व्यवस्था के तहत, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अब किसी भी निर्माण कार्य की देखरेख से मुक्त रहेंगे। यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।

author-image
Deepak Gaur
bihar education department

पटना, वाईबीएन नेटवर्क । 

Advertisment

बिहार सरकार ने शैक्षणिक भवनों के निर्माण से जुड़ी जिम्मेदारियों में बड़ा बदलाव किया है। अब जिले के विद्यालयों या अन्य शैक्षणिक भवनों के निर्माण कार्यों की पूरी जिम्मेदारी बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (BSIDC) को सौंप दी गई है। इस नयी व्यवस्था के तहत, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) अब किसी भी निर्माण कार्य की देखरेख से मुक्त रहेंगे। यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।

बिहार में MLC बंशीधर ब्रजवासी का 'जूता वार', बोले- रिश्वतखोरों को जूते से पीटेंगे!

BSIDC को सौंपी जाएगी निर्माण की पूरी जिम्मेदारी

Advertisment

अब तक, 50 लाख रुपये से अधिक की लागत वाले निर्माण कार्य BSIDC द्वारा कराए जाते थे, जबकि छोटे निर्माण कार्य जिला स्तर पर डीईओ की देखरेख में होते थे। वहीं, अतिरिक्त कमरे, शौचालय जैसी जरूरतों के लिए विद्यालय शिक्षा समिति का निर्णय प्रभावी होता था। अब इस समिति द्वारा किए जाने वाले निर्माण कार्य भी BSIDC के माध्यम से कराए जाएंगे।

Bihar Elections 2025: बसपा का 'सोलो प्लान'! क्या अकेले दम पर बदलेगी सियासी समीकरण?

डीईओ शिक्षा सुधार पर देंगे पूरा ध्यान

Advertisment

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस नई व्यवस्था को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि डीईओ का समय अब पूरी तरह से शिक्षा सुधार और शैक्षणिक गतिविधियों की मॉनिटरिंग पर केंद्रित रहेगा। निर्माण कार्यों के लिए निविदा जारी करने और एजेंसियों के चयन में डीईओ का काफी समय व्यर्थ होता था। अब वे पूर्ण रूप से बच्चों के पठन-पाठन सुधारने में योगदान दे सकेंगे।

Delhi की 'झांकी' से उठी Bihar की आंधी! तेजस्वी का NDA को चेतावनी, बोले- 'यहां समझाना पड़ेगा...'

आउटसोर्स कर्मियों को हटाने की तैयारी

Advertisment

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, जिला और प्रखंड स्तर पर आउटसोर्सिंग के जरिये कार्यरत कर्मियों को 31 मार्च 2025 के बाद हटाने की योजना बन रही है। इन कर्मियों को एक महीने का नोटिस देकर सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया जा सकता है। वर्तमान में, मध्याह्न भोजन योजना सहित अन्य कार्यों में 582 आउटसोर्स कर्मी कार्यरत हैं। हालांकि, इस संबंध में अभी आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुआ है।

प्रधानाध्यापकों को 50 हजार के मरम्मत कार्य का अधिकार

नयी व्यवस्था के तहत विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को छोटे-मोटे मरम्मत कार्यों के लिए 50 हजार रुपये तक के कार्य स्वीकृत करने का अधिकार रहेगा। इससे स्कूलों में छोटे-मोटे सुधार कार्य बिना किसी देरी के पूरे किए जा सकेंगे। हालांकि, 50 हजार रुपये से अधिक के सभी निर्माण कार्य BSIDC के अंतर्गत ही कराए जाएंगे।

 

Advertisment
Advertisment