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Bihar Politics: नीतीश के बेटे की राजनीति में एंट्री से पहले पोस्टर वार, "राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा"

राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की एंट्री को लेकर चर्चा जोरों पर है। सड़कों पर लगे "राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा" पोस्टर ने इस बहस को गरमा दिया है। यह पोस्टर सीएम नीतीश और उनके बेटे निशांत पर सीधा राजनीतिक हमला माना जा रहा है। 

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Mukesh Pandit
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Photograph: (young Bharat)

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पटना , वाईबीएन नेटवर्क।

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बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की एंट्री को लेकर चर्चा जोरों पर है। इसी बीच पटना की सड़कों पर लगे "राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा" पोस्टर ने इस बहस को और गर्मा दिया है। यह पोस्टर सीएम नीतीश और उनके बेटे निशांत पर सीधा राजनीतिक हमला माना जा रहा है। इस पोस्टर के पीछे कांग्रेस से हरनौत विधानसभा के भावी प्रत्याशी रवि गोल्डन कुमार का नाम सामने आ रहा है। उन्होंने पोस्टर के माध्यम से संकेत दिया है कि अगर निशांत कुमार हरनौत से चुनाव लड़ते हैं, तो वे उनके खिलाफ ताल ठोकेंगे। पोस्टर पर साफ लिखा है कि "राजा का बेटा राजा नहीं बनेगा! हरनौत की जनता जिसे चाहेगी, वही राजा बनेगा।"

क्या राजनीति में उतरेंगे निशांत कुमार?

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बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की एंट्री की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही हैं। जेडीयू के कई नेता उनके सक्रिय राजनीति में आने की खुलकर वकालत कर चुके हैं। चर्चा तो यहां तक है कि निशांत कुमार होली के बाद अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर सकते हैं। हरनौत विधानसभा सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीतिक जन्मस्थली रही है। यहीं से नीतीश कुमार ने 1985 में अपना पहला चुनाव लड़ा था।  अगर निशांत राजनीति में उतरते हैं, तो हरनौत से चुनाव लड़ना उनके लिए सबसे सुरक्षित सीट मानी जा रही है।

"वंशवाद" हमेशा चर्चा और विवाद का विषय

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बिहार की राजनीति में "वंशवाद" हमेशा चर्चा और विवाद का विषय रहा है। लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटों को राजनीति में आगे बढ़ाया—तेजस्वी यादव आज बिहार की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता हैं। चिराग पासवान ने अपने पिता रामविलास पासवान की राजनीतिक विरासत संभाली। अब अगर नीतीश कुमार के बेटे निशांत राजनीति में उतरते हैं, तो यह भी वंशवाद की एक नई कड़ी होगी, जबकि नीतीश कुमार ने हमेशा अपने सार्वजनिक भाषणों में वंशवाद का विरोध किया है।

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