पटना, वाइबीएhttps://youngbharatnews.com/न नेटवर्क।
प्रयागराज में महाकुंभ का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है। देशभर से श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए उमड़ रहे हैं, लेकिन इस श्रद्धा का उफान रेलवे के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। भीड़ इतनी बेकाबू हो चुकी है कि अब यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए हर हद पार करने को तैयार हैं। कुछ ऐसा ही नजारा बिहार के बेगूसराय जिले में खगड़िया-समस्तीपुर रेलखंड के सलौना स्टेशन पर देखने को मिला, जहां यात्रियों का गुस्सा हिंसा में तब्दील हो गया।
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ट्रेन के दरवाजे बंद, धैर्य टूटा तो ईंट से शीशा चकनाचूर
14603 अप सहरसा-अमृतसर जनसाधारण एक्सप्रेस सलौना स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर-1 पर आकर रुकी। प्लेटफार्म पर करीब 300 से ज्यादा यात्री ट्रेन में चढ़ने के लिए बेचैन थे, लेकिन गाड़ी के अंदर पहले से मौजूद यात्रियों ने गेट बंद कर रखा था। बाहर खड़े यात्रियों ने जब दरवाजा खोलने की गुहार लगाई, तो अंदर बैठे यात्रियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
स्थिति धीरे-धीरे विस्फोटक होती चली गई। नाराज यात्रियों ने अपने गुस्से का इज़हार करने के लिए ईंट-पत्थर उठा लिए। देखते ही देखते ट्रेन के गेट पर ईंटों की बरसात शुरू हो गई। शीशे चकनाचूर हो गए और यात्री अंदर घुसने में कामयाब हो गए।
लटकते यात्री, टूटी सीटें और स्टेशन पर हंगामा
हालात इतने बदतर हो चुके थे कि कुछ यात्री ट्रेन की बोगियों के दरवाजे पर लटकने लगे ताकि अगले स्टेशन हसनपुर में किसी तरह सीट मिल सके। कुछ को महज लटकने का ही अवसर मिला क्योंकि अंदर घुसने की जगह ही नहीं थी। जब ट्रेन दो मिनट के स्टॉप के बाद आगे बढ़ी, तो पीछे रह गए यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा।
गुस्से में बेकाबू भीड़ ने स्टेशन पर तोड़फोड़ शुरू कर दी। टिकट काउंटर पर अफरा-तफरी मच गई। करीब 200 से अधिक यात्रियों ने टिकट कैंसिल करवाने के लिए काउंटर पर लंबी लाइन लगा दी।
वीडियो वायरल: जब कैमरे में कैद हुआ गुस्सा
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें साफ दिख रहा है कि कैसे यात्रियों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने गेट पर ईंट से हमला कर दिया। भीड़ की आक्रामकता देख रेलवे प्रशासन भी असहाय नजर आया।इस पूरी घटना के बाद रेलवे प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अगर अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जातीं या भीड़ को नियंत्रित करने के पुख्ता इंतजाम होते, तो शायद यह घटना टाली जा सकती थी। यात्रियों की बेबसी, प्रशासन की लापरवाही और महाकुंभ की दीवानगी ने सलौना स्टेशन को एक युद्ध का मैदान बना दिया।