भागलपुर, वाईबीएन नेटवर्क
बिहार में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ताबड़तोड़ कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। राज्य के दो प्रमुख जिलों भागलपुर और भोजपुर (आरा) में एनआईए की टीम ने आतंकी कनेक्शन की कड़ी तलाशने के लिए बड़े स्तर पर छापेमारी की है। जाली नोटों के अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और आतंकवादियों के बीच गहरे संबंधों की जांच के तहत यह ऑपरेशन किया गया। सूत्रों के मुताबिक, इस कार्रवाई के केंद्र में नजरे सद्दाम नाम का शख्स है, जिसे पिछले साल भारी मात्रा में नकली भारतीय मुद्रा के साथ नेपाल बॉर्डर के पास से गिरफ्तार किया गया था।
इसे भी पढ़ें-Wow: Bihar में धान खरीद का नया रिकॉर्ड, 39 लाख मीट्रिक टन के पार आंकड़ा
सुबह-सुबह NIA की दस्तक, खलबली मची
एनआईए की टीम बुधवार को भागलपुर के इशाकचक बरहपुरा इलाके में पहुंची, जहां मुख्य अभियुक्त नजरे सद्दाम के घर पर घंटों पूछताछ की गई। सद्दाम का परिवार सवालों के घेरे में है, क्योंकि उसके नेटवर्क की जड़ें पाकिस्तान तक फैली हो सकती हैं।
इस दौरान एनआईए ने कई अहम सबूत इकट्ठा किए हैं, जिसमें लाखों रुपये कैश और छह मोबाइल फोन शामिल हैं। अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि बरामद नकदी असली है या नकली। एनआईए इस कैश को आतंकी संगठनों की फंडिंग से जोड़कर देख रही है।
इसे भी पढ़ें-Bihar Board Exam की आज से शुरुआत , छात्राओं की संख्या अधिक
भागलपुर से भोजपुर तक NIA का शिकंजा
भागलपुर के अलावा भोजपुर जिले के आरा के सहार स्थित कोरनडिहरी गांव में भी छापेमारी की गई। इस इलाके में आतंकी गतिविधियों और जाली नोट कारोबार के तार तलाशे जा रहे हैं। लोकल पुलिस की मदद से एनआईए ने संदिग्ध ठिकानों पर छापा मारा और कई अहम सुराग जुटाए हैं।
इसे भी पढ़ें-Bihar Elections: कांग्रेस का 'महाअभियान', खरगे और अल्लावरू के दौरे से बदलेगी सियासी बिसात?
कौन है नजरे सद्दाम? आतंकी संगठनों से है कनेक्शन?
नजरे सद्दाम फिलहाल बेऊर जेल में बंद है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद से ही जांच एजेंसियों को यह संदेह था कि यह मामला सिर्फ नकली नोटों के धंधे तक सीमित नहीं है। यह गिरोह आतंकी संगठनों से फंडिंग प्राप्त कर रहा है या फिर आतंकी गतिविधियों के लिए नकली नोट सप्लाई कर रहा है, इसकी जांच की जा रही है।
आतंकी कनेक्शन की बड़ी साजिश? पाकिस्तान से जुड़े हैं तार!
NIA के अधिकारी इस पूरे मामले को पाकिस्तान से जुड़ी फंडिंग और आतंकवादियों के आर्थिक नेटवर्क से जोड़कर देख रहे हैं। जांच एजेंसियों को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि नेपाल बॉर्डर का इस्तेमाल जाली नोटों की तस्करी के लिए किया जाता है, और यह पैसा आतंकी संगठनों तक भी पहुंच सकता है।