पटना, वाईबीएन नेटवर्क।
बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने ‘कार्यकर्ता दर्शन सह संवाद कार्यक्रम’ के 10वें और अंतिम चरण की शुरुआत करने जा रहे हैं। लेकिन इस बार यह कार्यक्रम खास है, क्योंकि इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा से होगी।
कार्यक्रम की तिथियां और स्थान
• 19 फरवरी – नालंदा एवं बिहार शरीफ
• 20 फरवरी – नवादा
• 21 फरवरी – पटना, पटना महानगर और बाढ़
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कार्यकर्ताओं से करेंगे संवाद
तेजस्वी यादव इस कार्यक्रम के माध्यम से राजद के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करेंगे, उनके मुद्दे समझेंगे और आगामी चुनावों की रणनीति पर मंथन करेंगे। इस संवाद का उद्देश्य न सिर्फ कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाना है, बल्कि नीतीश कुमार और भाजपा के खिलाफ बड़ा राजनीतिक संदेश देना भी है।
राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि पार्टी के प्रदेश प्रधान महासचिव रणविजय साहू के निर्देशानुसार इन जिलों में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। राज्य कार्यालय से विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि कार्यक्रम को प्रभावी बनाया जा सके।
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तेजस्वी का ‘सियासी मास्टरस्ट्रोक’ या सीधी चुनौती?
नालंदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है, और यहां जदयू (JDU) की मजबूत पकड़ रही है। तेजस्वी यादव की यह यात्रा नीतीश के गढ़ में राजद की मजबूती दिखाने की कोशिश मानी जा रही है। तेजस्वी पहले भी नीतीश कुमार पर हमलावर रहे हैं। इस बार नालंदा से अपनी यात्रा की शुरुआत करके वह यह साफ संकेत देना चाहते हैं कि राजद अब जदयू के पारंपरिक वोट बैंक को चुनौती देने के लिए तैयार है।
तेजस्वी यादव का यह दौरा आरजेडी के लिए एक बड़ा अवसर भी है और चुनौती भी। सवाल यह है कि क्या वह नीतीश कुमार के गढ़ में अपनी सियासी पकड़ मजबूत कर पाएंगे? यह तो 19 फरवरी के बाद ही साफ होगा, लेकिन बिहार की सियासी गर्मी अभी से बढ़ चुकी है!
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