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दीवाली गिफ्ट की तैयारी : GST की आज से बैठक - कल होगा बड़ा ऐलान

जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा फैसला, जिससे दूध, चिप्स, टीवी-एसी और गाड़ियां सस्ती होंगी। सरकार जीएसटी के टैक्स स्लैब घटाकर दो करने पर विचार कर रही है, जिससे महंगाई से राहत मिलेगी। यह कदम आम आदमी के लिए बड़ी दिवाली साबित हो सकता है।

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Ajit Kumar Pandey
दीवाली गिफ्ट की तैयारी : GST की आज से बैठक — कल होगा बड़ा ऐलान | यंग भारत न्यूज

दीवाली गिफ्ट की तैयारी : GST की आज से बैठक — कल होगा बड़ा ऐलान | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । क्या इस दीवाली आपका घर खुशियों से भर जाएगा? क्या रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली चीज़ें जैसे दूध, चिप्स, टीवी, एसी, यहां तक कि कार-बाइक तक सस्ती हो सकती हैं? जीएसटी काउंसिल की एक महत्वपूर्ण बैठक में इन सभी सवालों का जवाब छिपा है। सरकार जीएसटी टैक्स स्लैब को घटाने का मन बना रही है, जिससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। 

ये फैसला न सिर्फ आपकी जेब का बोझ कम करेगा, बल्कि महंगाई से भी राहत दिला सकता है। पिछले कुछ समय से बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ रखी है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों से लेकर खाने-पीने की चीज़ों तक, हर तरफ दाम बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में जीएसटी काउंसिल की बैठक से हर किसी को बड़ी उम्मीदें हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 'दिवाली का तोहफा' कहा है, और अगर यह तोहफा मिलता है तो करोड़ों परिवारों के चेहरे पर मुस्कान आ सकती है। जीएसटी की मौजूदा व्यवस्था में चार प्रमुख टैक्स स्लैब हैं: 5%, 12%, 18% और 28%। सरकार अब इन स्लैब को घटाकर केवल दो स्लैब में लाने पर विचार कर रही है: 5% और 18%। 

इस बदलाव का सीधा मतलब है कि 12% और 28% वाले स्लैब हटा दिए जाएंगे। आप सोच रहे होंगे कि इससे क्या फर्क पड़ेगा? इसका मतलब है कि जो चीज़ें अभी 12% टैक्स के दायरे में आती हैं, वह सीधे 5% के दायरे में आ जाएंगी। इससे उन पर लगने वाला टैक्स 7% कम हो जाएगा और उनकी कीमतें सीधे घट जाएंगी।

इन चीज़ों की कीमतों में आ सकती है बड़ी गिरावट 

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खाने-पीने की चीज़ें: भुजिया, चिप्स, नूडल्स, जैम, केचप, पैक्ड जूस, घी, मक्खन और पनीर जैसी चीज़ें 12% से 5% टैक्स स्लैब में आ सकती हैं। 

डेयरी उत्पाद: पैकेट वाले दूध और पनीर भी 5% स्लैब में शामिल हो सकते हैं, जिससे इनकी कीमतें कम होंगी। 

होम अप्लायंसेज: टीवी, एसी, रेफ्रिजरेटर जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक सामान पर भी टैक्स कम होने से इनकी कीमत भी घट सकती है। 

ऑटोमोबाइल: कार और बाइक पर भी जीएसटी की दरें कम होने की संभावना है।

सरकार को होगा नुकसान, जनता को फायदा 

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एक तरफ जहां यह फैसला आम जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा तो वहीं सरकार को इससे करीब 40,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान भी हो सकता है। इस फैसले से आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ेगी और इससे आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। 

जीएसटी के नए प्रस्ताव में कई ऐसी चीज़ें जो अभी 18% के दायरे में हैं उन्हें भी 5% के स्लैब में लाया जा सकता है। इनमें कोको-आधारित चॉकलेट, पेस्ट्री और आइसक्रीम जैसी चीज़ें शामिल हैं। 

शिक्षा से जुड़ी चीज़ें भी होंगी जीएसटी-फ्री 

एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव है कि शिक्षा से जुड़ी कई चीज़ों को जीएसटी-फ्री किया जाए। इसमें मैप, ग्लोब, एटलस और पेंसिल शार्पनर जैसे सामान शामिल हैं। यह फैसला बच्चों की शिक्षा को और भी सुलभ बना सकता है।

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अगर यह प्रस्ताव लागू हो जाता है, तो यह भारतीय कर प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव होगा। एक सरल और कुशल कर व्यवस्था से न सिर्फ उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि व्यापारियों के लिए भी व्यापार करना आसान हो जाएगा। 

यह कदम प्रधानमंत्री के 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' के दृष्टिकोण के अनुरूप है। यह बदलाव न केवल आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण होगा। यह गरीबों और मध्यम वर्ग को सीधे तौर पर लाभ पहुंचाएगा, क्योंकि वे अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा इन दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर खर्च करते हैं। 

जीएसटी काउंसिल की बैठक आज से शुरू हो गई है और कल तक इस पर अंतिम फैसला आने की उम्मीद है। सभी की निगाहें इस बैठक पर टिकी हैं कि क्या सरकार सच में इस बड़े बदलाव को लागू करेगी या नहीं। अगर यह प्रस्ताव पास होता है, तो यह वास्तव में आम आदमी के लिए एक बड़ी जीत होगी।

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