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GST में छूट से बम-बम होगा बाजार! इस हेल्पलाइन नंबर पर करें शिकायत| यंग भारत न्यूज Photograph: (YBN)
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स प्रणाली में एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो गई है। 'जीएसटी 2.0' के नाम से जानी जाने वाली यह नई व्यवस्था आज, नवरात्रि के शुभ अवसर से पूरे देश में लागू हो चुकी है। यह बदलाव न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि आम आदमी से लेकर उद्योग जगत तक को बड़ी राहत भी देगा।
अब जीएसटी के पांच और अठारह प्रतिशत के सिर्फ दो स्लैब रह गए हैं, जिससे 99 प्रतिशत से अधिक वस्तुएं और सेवाएं सीधे तौर पर आम आदमी की पहुंच में आ गई हैं। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विकसित भारत' के विजन को एक नई गति देने वाला माना जा रहा है।
रसोई से लेकर लग्जरी तक, क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा?
जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद, रोजमर्रा के जीवन में इस्तेमाल होने वाली अनगिनत वस्तुएं सस्ती हो गई हैं। रसोई में इस्तेमाल होने वाले बटर, पनीर, मिठाइयां और नमकीन स्नैक्स पर पहले 12 से 18 प्रतिशत तक टैक्स लगता था, जो अब घटकर 5 प्रतिशत हो गया है। इसके अलावा, बिस्किट, आइसक्रीम, साबुन, टूथपेस्ट जैसे उत्पादों पर भी अब 18 प्रतिशत की जगह 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा।
प्रमुख कंपनियों जैसे प्रॉक्टर एंड गैंबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और ब्रिटानिया ने नई कीमतें घोषित कर दी हैं, जिससे उपभोक्ताओं को तत्काल लाभ मिलना शुरू हो गया है। बड़े इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे टेलीविजन और एसी पर भी टैक्स में भारी कटौती हुई है। 32 इंच से अधिक स्क्रीन वाले टीवी और सभी एयर कंडीशनर पर अब 28% के बजाय 18% टैक्स लगेगा।
एलजी, सोनी, पैनासोनिक जैसी कंपनियों ने टीवी की कीमतों में 2,500 रुपये से लेकर 85,800 रुपये तक की कटौती की है। इसी तरह, एसी पर भी 2,500 से 8,000 रुपये तक की बचत हो रही है। वाहन क्षेत्र को भी इस बदलाव का बड़ा फायदा मिला है।
दोपहिया, कार और ट्रैक्टरों पर टैक्स घटा है, जिससे आम लोगों की पहुंच वाली गाड़ियां सस्ती हो गई हैं। मारुति, टाटा, ह्यूंडई, महिंद्रा एंड महिंद्रा और हीरो जैसी कंपनियों ने कीमतों में कटौती की घोषणा की है, जो कई मामलों में कोरोना पूर्व स्तर से भी कम हैं।
दूसरी ओर, सरकार ने तंबाकू, पान मसाला, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और लग्जरी सामान जैसे बड़ी कारें, याट और निजी विमान पर 40% का विशेष टैक्स बरकरार रखा है।
सोने और चांदी पर पहले से लागू 3% की विशेष दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। स्वास्थ्य और शिक्षा में बड़ा फायदा इस नई व्यवस्था में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को विशेष राहत दी गई है।
कैंसर, हृदय संबंधी बीमारियों और दुर्लभ आनुवंशिक रोगों से जुड़ी 36 जीवन रक्षक दवाओं को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। इसके अलावा, कई अन्य दवाओं पर लगने वाला 12% जीएसटी अब 5% कर दिया गया है। निजी स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों को भी जीएसटी मुक्त कर दिया गया है।
यह आम आदमी के लिए एक बड़ा राहत भरा कदम है, क्योंकि इससे उनकी सालाना बचत में काफी इजाफा होगा। उदाहरण के लिए, 30,000 रुपये का सालाना प्रीमियम भरने वाले व्यक्ति को अब 5,400 रुपये की बचत होगी।
सरकार का कड़ा रुख: उपभोक्ता को मिले पूरा लाभ केंद्र और राज्य सरकारों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है कि टैक्स में कटौती का पूरा फायदा उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
सरकार ने कंपनियों से स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे नई कीमतों को तुरंत लागू करें। इस पर निगरानी रखने के लिए विशेष कमेटियां बनाई गई हैं। अगर कोई विक्रेता टैक्स में कमी का लाभ ग्राहक तक नहीं पहुंचाता है, तो उस पर जुर्माना या जेल की सजा भी हो सकती है।
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए, नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए, नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1800-11-4000 और 1800-1200-232 पर शिकायत करने की व्यवस्था भी की गई है।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि भले ही दुकान में पुराना स्टॉक पड़ा हो, लेकिन उसकी बिक्री नई, कम कीमतों पर ही करनी होगी। बीजेपी का 'जीएसटी सेविंग्स फेस्टिवल' अभियान इस ऐतिहासिक बदलाव के महत्व को जनता तक पहुंचाने के लिए, भारतीय जनता पार्टी ने 29 सितंबर तक राष्ट्रव्यापी 'जीएसटी सेविंग्स फेस्टिवल' अभियान शुरू किया है।
इस दौरान, पार्टी के सभी सांसद अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में पदयात्राएं आयोजित करेंगे और सीधे व्यापारियों, दुकानदारों और आम जनता से संवाद करेंगे।
इस अभियान का उद्देश्य जीएसटी द्वारा अर्थव्यवस्था में लाई गई पारदर्शिता और बचत के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह अभियान न केवल सरकार के आर्थिक संदेश को जनता तक पहुंचाएगा, बल्कि त्योहारी सीजन से ठीक पहले जनता से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी होगा।
यह कहा जा सकता है कि जीएसटी 2.0 का यह कदम भारत की आर्थिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह न केवल कर प्रणाली को सरल बनाएगा, बल्कि आम आदमी की क्रय शक्ति को बढ़ाकर देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
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