Advertisment

ट्रंप की हेकड़ी पर बरसा भारतीय निर्यातक संगठनों का महासंघ, खुद खरीदी रूस से सामरिक सामग्री

उद्योग निकाय ने साथ ही कहा कि इस कदम से अमेरिका को भारत से होने वाले 55 प्रतिशत निर्यात पर असर पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने के कारण आयातित भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है।

author-image
Mukesh Pandit
FIFO Prasident Sc Rahlan
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का अमेरिका का फैसला बेहद चौंकाने वाला है। उद्योग निकाय ने साथ ही कहा कि इस कदम से अमेरिका को भारत से होने वाले 55 प्रतिशत निर्यात पर असर पड़ेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के रूस से तेल खरीदने के कारण आयातित भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। इस कदम से कपड़ा, समुद्री उत्पादों और चमड़ा निर्यात जैसे क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ने की संभावना है। इस आदेश के बाद एक छोटी रियायत सूची को छोड़कर, भारतीय वस्तुओं पर कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो जाएगा। 

कई निर्यात ऑर्डर पहले ही रोक दिए गए 

फियो के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा, ''यह कदम भारतीय निर्यात के लिए एक गंभीर झटका है, क्योंकि अमेरिकी बाजार में हमारे लगभग 55 प्रतिशत सामान सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। कुल 50 प्रतिशत जवाबी शुल्क प्रभावी रूप से कीमत को बहुत बढ़ा देगा।'' उन्होंने कहा कि इससे भारतीय निर्यातकों को कम जवाबी शुल्क वाले देशों की तुलना में 30-35 प्रतिशत प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान होगा। रल्हन ने कहा कि कई निर्यात ऑर्डर पहले ही रोक दिए गए हैं, क्योंकि खरीदार अधिक लागत के मद्देनजर अपने फैसले पर फिर से विचार कर रहे हैं। 

भारतीय सामान वहां काफी महंगे हो सकते हैं

उन्होंने कहा कि मार्जिन पहले से ही कम है और यह अतिरिक्त झटका निर्यातकों को अपने पुराने ग्राहकों को खोने के लिए मजबूर कर सकता है। आर्थिक थिंक टैंक 'ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव' (जीटीआरआई) ने कहा कि अमेरिका के शुल्क से भारतीय सामान वहां काफी महंगे हो सकते हैं, जिससे अमेरिका को होने वाले निर्यात में 40-50 प्रतिशत की कमी आने की आशंका है। जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि इस कदम से भारत पर लगाया गया अमेरिकी कर चीन, वियतनाम और बांग्लादेश जैसे प्रतिद्वंद्वियों से कहीं अधिक हो गया है।

चीन ने रूस से 62.6 अरब डॉलर का तेल खरीदा

 उन्होंने कहा कि 2024 में चीन ने रूस से 62.6 अरब डॉलर का तेल खरीदा, जो भारत के 52.7 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा है, फिर भी उसे इस तरह का कोई जुर्माना नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका, चीन पर निशाना साधने से बचता है क्योंकि चीन गैलियम, जर्मेनियम, रेयर अर्थ और ग्रेफाइट जैसी महत्वपूर्ण सामग्रियों पर अपना दबदबा बनाए हुए है, जो अमेरिकी रक्षा और तकनीक के लिए बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यूरोपीय संघ जैसे अपने सहयोगियों के रूस के साथ व्यापार को भी नजरअंदाज किया है। अमेरिका ने खुद रूस से 3.3 अरब डॉलर की सामरिक सामग्री खरीदी है। donald trump | donald trump oath | donald trump news | donald trump on india tariffs | donald trump on tariff | Indian Exporters Federation

Indian Exporters Federation donald trump on tariff donald trump on india tariffs donald trump news donald trump oath donald trump
Advertisment
Advertisment