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बसपा सुप्रीमो मायावती Photograph: (Social Media)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। भारतीय वस्तुओं के अमेरिका में प्रवेश पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने पर बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम को विश्वासघाती करार देते हुए कहा कि संसद सत्र में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकारें के बीच राजनीतिक टकराव और खींचतान को समाप्त होना बेहद जरूरी है।
भारत पर 50% शुल्क पर जताई नाराजगी
मायावती ने बृहस्पतिवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर लिखा कि ब्रिक्स देश ब्राजील की तरह ही भारत पर भी कुल 50 प्रतिशत का भारी भरकम टैरिफ (शुल्क) लगाकर अमेरिका ने जो भारत को आघात पहुंचाने का प्रयास किया है। उसे भारत सरकार ने अपने संयमित बयान में 'अनुचित, अन्यायपूर्ण व अविवेकी' बताया है, किन्तु देश की जनता डोनाल्ड ट्रम्प का 'मित्र' देश भारत के प्रति इसे प्रथम दृष्टया विश्वासघाती एवं देश को कमजोर करने वाला कदम ज्यादा मानती है, जिससे निपटने के लिए सभी को पूरी परिपक्वता दिखाते हुये राजनीतिक स्वार्थ, संकीर्णता, मतभेद एवं द्वेष आदि से ऊपर उठकर, दीर्घकालीन रणनीति के तहत्, देश में पूरे अमन-चैन और कानून व्यवस्था के अच्छे माहौल के साथ पूरी मुस्तैदी से कार्य करना ज़रूरी है।
केंद्र-राज्य टकराव खत्म हो
बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा कि देश के सामने आई इस बड़ी चुनौती पर गंभीर चिन्तन के लिए सम्बंधित विषय पर वर्तमान संसद सत्र में चर्चा हो तो यह जन व देशहित में बेहतर होगा, किन्तु केन्द्र व राज्य सरकारें अगर आन्तरिक संकीर्ण मुद्दों में ही अधिकतर उलझी रहेंगी तो यह कैसे संभव हो पायेगा? वैसे इस बारे में यहां उल्लेखनीय है कि बीएसपी की राजनीति हमेशा से देश के मानवतावादी संविधान की मंशा के मुताबिक श्सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखायश् की रही है, किन्तु यहां देश में केन्द्र व राज्य सरकारों के बीच आपसी अविश्वस के कारण जो राजनीतिक टकराव और खींचतान आदि लगातार बनी हुई है वह अब समाप्त होना चाहिए, यही व्यापक जन व देशहित में है।
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