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RBI मौद्रिक नीति: ऑटो लोन और एजुकेशन लोन की लागत घटने की संभावना

RBI की मौद्रिक नीति बैठक आज से शुरू, Policy की घोषणा 6 जून को होगी। SBI ने 50 बीपीएस कटौती की उम्मीद जताई, जिससे होम और एजुकेशन लोन की EMI में राहत संभव। बाजारों की नजरें फैसले पर टिकीं।

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Ajit Kumar Pandey
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मुंबई RBI नीति: SBI को 50 बीपीएस कटौती की उम्मीद |

मुंबई RBI नीति: SBI को 50 बीपीएस कटौती की उम्मीद |

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क ।भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक आज, 4 जून 2025 से शुरू हो गई है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब देश में खुदरा महंगाई दर नियंत्रण में है और आर्थिक गतिविधियों में गति दिख रही है। Policy की घोषणा 6 जून को सुबह 10 बजे आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे।

इस बैठक को लेकर आम जनता, बैंकों और कारोबारी वर्ग की निगाहें दरों में संभावित बदलाव पर टिकी हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने संकेत दिया है कि वह रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की संभावना देखता है, जिससे लोन और ईएमआई सस्ती हो सकती है।

बैठक से जुड़े 5 मुख्य अपडेट

मौद्रिक नीति बैठक की शुरुआत: 4 जून से 6 जून तक चलेगी तीन दिवसीय बैठक।

SBI की राय: बैंक ने 50 बीपीएस की कटौती की उम्मीद जताई।

खुदरा महंगाई दर: अप्रैल 2025 में घटकर 4.7% पर आ चुकी है, जो RBI के लक्ष्य (4%) के करीब है।

रेपो रेट की वर्तमान स्थिति: फरवरी 2023 से रेपो रेट 6.50% पर स्थिर है।

बाजार का अनुमान: शेयर और बांड बाजारों में रेट कट की उम्मीद से हलचल तेज।

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अधिकारी प्रतिक्रिया: आरबीआई और विशेषज्ञों की राय

RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर एच. आर. खान ने बताया, "महंगाई में लगातार गिरावट और आर्थिक गतिविधियों की रिकवरी को देखते हुए यह सही समय हो सकता है जब RBI दरों में राहत दे।"

वहीं, वित्तीय मामलों के वकील अरुण कुमार मिश्रा के अनुसार,

"यदि 50 बीपीएस की कटौती होती है, तो इससे 200 से अधिक परिवारों पर सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, खासकर वे जो होम लोन या एजुकेशन लोन चुका रहे हैं।"

SBI के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने एक रिपोर्ट में लिखा,

"निजी निवेश को प्रोत्साहन देने और उपभोक्ता मांग को बढ़ाने के लिए मौद्रिक राहत की आवश्यकता है।"

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किन संकेतकों पर नजर रख रही है समिति

आरबीआई की एमपीसी बैठक के एजेंडे में महंगाई, विकास दर, वैश्विक अर्थव्यवस्था और मुद्रा प्रवाह जैसे विषय प्रमुख हैं।

आदेश संख्या MPC/2025/06 के अनुसार, बैठक का एजेंडा पूर्व निर्धारित है जिसमें:

  • खाद्य और ईंधन महंगाई के ट्रेंड
  • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें
  • डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति
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वैश्विक ब्याज दर नीति (जैसे फेडरल रिजर्व के फैसले)

रेपो रेट में बदलाव से क्या होंगे असर

यदि आरबीआई 50 बीपीएस की कटौती करता है, तो रेपो रेट 6.50% से घटकर 6.00% हो जाएगा। इससे सबसे बड़ा असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा:

  • होम लोन की EMI में ₹500-₹1,200 तक की संभावित राहत
  • ऑटो लोन और एजुकेशन लोन की लागत घटेगी
  • एफडी पर रिटर्न कुछ कम हो सकता है
  • बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ को मिलेगा बूस्ट

देहरादून के वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट विपुल बंसल ने कहा,

"यदि रेपो रेट में कटौती होती है, तो इससे उत्तर भारत के छोटे उद्यमों को बड़ा लाभ होगा, खासकर MSME सेक्टर को।"

क्या आप भी चाहते हैं कि EMI में राहत मिले? अपने विचार नीचे कमेंट करें और खबर को शेयर करना न भूलें! 

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