नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
Rupee Hits All Time Low: डॉलर के मुकाबले रुपये में बहुत ज्यादा गिरावट देखी जा रही है। Currency Market में रुपया लुढ़कते हुए 86 रुपए से भी नीचे चला गया है। 63 पैसे की कमजोरी के साथ रुपया पहली बार पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 86.60 रुपये के निचले स्तर तक गिर गया है। चिंता की बात ये है कि रुपये में गिरावट का सिलसिला यहीं थमने वाला नहीं है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक डॉलर के मुकाबले रुपये का औसत रेट वित्त वर्ष 2025-26 में 88 के लेवल तक गिर सकता है। इसका मतलब है की रुपया अपने मौजूदा लेवल से 1.50 रुपये तक और भी कमजोर हो सकता है। भारतीय रुपए में पिछले दो सप्ताह में एक रुपए से अधिक की बड़ी गिरावट आई है।
क्यों लुढ़का रुपया
रुपया 19 दिसंबर 2024 को पहली बार एक डॉलर के मुकाबले रुपया 85 के नीचे गिरा था। एक महीने से भी कम समय में भारतीय करेंसी में 1.60 रुपये तक की कमजोरी आ गई है। इंपोर्टर्स की डिमांड बढ़ना, रुपये की गिरावट का जरूरी कारण है। इसके अलावा शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों का पैसा निकालने से डॉलर मांग बढ़ी है। इस वजह से भी रुपये में कमजोरी देखी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही डॉलर के मुकाबले रुपये में तेज गिरावट आनी शुरू हो गई थी। डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से डॉलर इंडेक्स (Dollar Index) मजबूत हुआ है और सत्ता में आने के बाद डॉलर के और मजबूत होने की संभावना है। ट्रम्प 20 जनवरी को शपथ लेंगे और इसके चलते रुपये में और गिरावट देखी जा सकती है।
डॉलर इंडेक्स 109 के पार पहुंचा
एक रुपया यहाँ गिर रहा है, वही अमेरिकी डॉलर तेजी पकड़ रहा है। अमेरिकी डॉलर छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर सूचकांक 0.11 फीसदी की बढ़त के साथ 109.60. पर रहा। अमेरिका के 10 साल के बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़कर अक्टूबर, 2023 के स्तर 4.78 फीसदी पर पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.42 फीसदी की बढ़त के साथ 80.92 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) शुक्रवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,254.68 करोड़ रुपए के शेयर बेचे।
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