Advertisment

बढतीं मुश्किलें:  SBI के बाद अब बैंक ऑफ इंडिया ने आरकॉम, अनिल अंबानी को धोखाधड़ी करने वाला करार दिया

बीओआई ने दी जानकारी में 2016 में कथित तौर पर धन की हेराफेरी का हवाला दिया है। बैंक बीओआई ने अगस्त 2016 में रिलायंस कम्युनिकेशंस को उसके चालू पूंजीगत व्यय और परिचालन व्यय तथा मौजूदा देनदारियों के भुगतान के लिए 700 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। 

author-image
Mukesh Pandit
Anil D Ambani
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

मुंबई, वाईबीएन डेस्क। भारतीय स्टेट बैंक के बाद, बैंक ऑफ इंडिया ने भी दिवालिया हो चुकी रिलायंस कम्युनिकेशंस के ऋण खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित किया है और इस मामले में कंपनी के पूर्व निदेशक अनिल अंबानी का नाम भी लिया है। बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने शेयर बाजार को दी जानकारी में 2016 में कथित तौर पर धन की हेराफेरी का हवाला दिया है। 

भुगतान के लिए 700 करोड़ रुपये का ऋण दिया था

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बीओआई ने अगस्त 2016 में रिलायंस कम्युनिकेशंस को उसके चालू पूंजीगत व्यय और परिचालन व्यय तथा मौजूदा देनदारियों के भुगतान के लिए 700 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बैंक के पत्र के बारे में बताया है। इसके अनुसार अक्टूबर 2016 में जारी की गई स्वीकृत राशि का आधा हिस्सा एक सावधि जमा में निवेश किया गया था, जिसकी स्वीकृति पत्र के अनुसार अनुमति नहीं थी। 

बैंक के धन के दुरुपयोग का आरोप 

आरकॉम ने कहा कि उसे 22 अगस्त को बैंक ऑफ इंडिया से आठ अगस्त का एक पत्र मिला है, जिसमें बैंक द्वारा ''कंपनी, अनिल धीरजलाल अंबानी (कंपनी के प्रवर्तक और पूर्व निदेशक) और मंजरी अशोक कक्कड़ (कंपनी की पूर्व निदेशक) के ऋण खातों को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत करने'' के फैसले की जानकारी दी गई है। इससे पहले, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी इस साल जून में ऐसा ही किया था, जिसमें ऋण की शर्तों का उल्लंघन करते हुए लेनदेन करके बैंक के धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था। एसबीआई की शिकायत के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को रिलायंस कम्युनिकेशंस और अंबानी के आवास से जुड़े परिसरों की तलाशी ली।

हेराफेरी के चलते 2,929.05 करोड़ का नुकसान

सीबीआई ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और अंबानी द्वारा कथित हेराफेरी के चलते 2,929.05 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया है। इसके बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिकायत दर्ज की। अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान में ''सभी आरोपों और अभियोगों का पुरजोर खंडन किया'' और कहा कि वह ''अपना बचाव करेंगे।'' प्रवक्ता ने कहा, ''एसबीआई द्वारा दर्ज की गई शिकायत 10 साल से भी ज्यादा पुराने मामलों से संबंधित है। उस समय अंबानी कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक थे और कंपनी के दैनिक प्रबंधन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।'' 

अंबानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था

Advertisment

उन्होंने कहा, ‘‘यह ध्यान देने योग्य है कि एसबीआई ने अपने आदेश द्वारा, पांच अन्य गैर-कार्यकारी निदेशकों के विरुद्ध कार्यवाही पहले ही वापस ले ली है। इसके बावजूद, अंबानी को चुनिंदा रूप से निशाना बनाया गया है। प्रवक्ता ने दावा किया कि बैंक ऑफ इंडिया द्वारा आरकॉम के खाते का वर्गीकरण ‘प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किए बिना’ किया गया था। प्रवक्ता ने कहा, अंबानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उन्हें आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। बैंक ऑफ इंडिया ने उन्हें इस मामले में व्यक्तिगत सुनवाई के अवसर से भी वंचित कर दिया। ये कार्रवाई जुलाई 2024 में जारी आरबीआई के नियमों के साथ-साथ स्थापित कानून और उच्चतम न्यायालय तथा बंबई उच्च न्यायालय के निर्णयों के भी विपरीत है।

बैंक ऑफ इंडिया से एक पत्र मिला है

 रिलायंस कम्युनिकेशंस ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसकी सहायक कंपनी रिलायंस टेलीकॉम लि. को भी बैंक ऑफ इंडिया से एक पत्र मिला है जिसमें कंपनी, ग्रेस थॉमस (आरटीएल की पूर्व निदेशक और कंपनी की वर्तमान निदेशक) और कुछ अन्य व्यक्तियों के ऋण खातों को ‘धोखाधड़ी’ के रूप में वर्गीकृत करने के ऋणदाता के निर्णय की जानकारी दी गई है। बैंकिंग कानूनों के तहत, एक बार किसी खाते को धोखाधड़ी घोषित किए जाने के बाद, इसे आपराधिक कार्रवाई के लिए प्रवर्तन एजेंसियों को भेजा जाना चाहिए, और उधारकर्ता को बैंकों और विनियमित संस्थानों से पांच साल के लिए नए वित्त तक पहुंचने से रोक दिया जाता है। 

आरकॉम का खाता 30 जून, 2017 को एनपीए में बदल गया 

रिलायंस कम्युनिकेशंस की सूचना खुलासा किए गए पत्र में बैंक ऑफ इंडिया ने कहा कि आरकॉम का खाता 30 जून, 2017 को एनपीए में बदल गया था। कंपनी पर 724.78 करोड़ रुपये का बकाया था। बैंक बकाया राशि के भुगतान के लिए उधारकर्ताओं और गारंटी देने वालों से संपर्क कर रहा है। हालांकि, वे बकाया राशि का भुगतान करने में विफल रहे हैं और इसमें लापरवाही बरती है। रिलायंस कम्युनिकेशंस ने अप्रैल में खुलासा किया था कि मार्च में उसका कुल ऋण 40,400 करोड़ रुपये था। ऋणों का भुगतान न किए जाने के बाद, कंपनी को दिवाला कार्यवाही के लिए स्वीकार कर लिया गया। 

Advertisment

रिलायंस कम्युनिकेशंस का प्रबंधन एसबीआई के नेतृत्व वाली और एक समाधान पेशेवर की देखरेख में कर्जदाताओं की एक समिति की देखरेख में किया जा रहा है। यह मामला पिछले छह वर्षों से एनसीएलटी और उच्चतम न्यायालय सहित अन्य न्यायिक मंचों के समक्ष विचाराधीन है।  Anil Ambani fraud | RCom fraud case | anil ambani news | anil ambani raid | anil ambani | Anil Ambani ED Inquiry | Anil Ambani ED raid 

anil ambani anil ambani raid anil ambani news Anil Ambani ED raid Anil Ambani fraud Anil Ambani ED Inquiry RCom fraud case
Advertisment
Advertisment