Share Market: अमेरिका में मंदी से मचा हाहाकार, जानें भारतीय Share Bazar का हाल
अमेरिकी मंदी के डर से हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन भी निवेशकों में दहशत का माहौल रहा। अमेरिकी बाजार के धड़ाम होने के असर घरेलू कारोबार पर भी दिखा, सेंसेक्स करीब 400 अंक तक गिर गया, जबकि निफ्टी लुढ़ककर 22,500 से नीचे पहुंच गया।
अमेरिकी मंदी के डर से हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन भी निवेशकों में दहशत का माहौल रहा। अमेरिकी बाजार के धड़ाम होने के असर घरेलू कारोबार पर भी दिखा और सेंसेक्स करीब 400 अंक तक गिर गया, जबकि निफ्टी लुढ़ककर 22,500 से नीचे पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 379.79 अंक गिरकर 73,735.38 अंक पर आ गया, जबकि निफ्टी 108.40 अंक गिरकर 22,351.90 अंक पर पहुंचा।
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ट्रेड वार पर जोर देने के बाद अमेरिकी शेयर मार्केट में हाहाकार मच गया। सोमवार को नैस्डैक में 727 अंक या 4% की गिरावट आई। इससे डर पैदा हो गया कि ट्रेड वार आर्थिक मंदी को जन्म दे सकता है। वॉल स्ट्रीट में हाहाकार का असर घरेलू शेयर मार्केट के दलाल स्ट्रीट पर भी पड़ सकता है।
अमेरिका में बिकवाली के बाद दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। इससे निवेशकों में घबराहट बढ़ गई।
टेक इंडेक्स नेसडेक में 4 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली, जो 2020 के बाद एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।
इस भारी बिकवाली के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मंदी को लेकर दिया बयान है, जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था 'संक्रमण के दौर' में है। इससे निवेशकों को नुकसान का भय सता रहा है।
इस बिकवाली में टेक शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। गूगल, अमेजन, ऐपल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, एनविडिया और टेस्ला जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई।
एलन मस्क की टेस्ला के शेयर 15.4 फीसदी तक गिर गए, जबकि एनविडिया के शेयर में 5 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
अमेरिकी शेयर बाजार में गिरावट का असर क्रिप्टोकरेंसी पर भी पड़ा है। बिटकॉइन की कीमत सोमवार को 78,000 डॉलर (करीब 67 लाख रुपये) तक गिर गई।
इस कारण बढ़ी निवेशकों की चिंता
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S&P 500 में सोमवार को 2.7 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली, जो सितंबर, 2024 के बाद से इसका सबसे निचला समापन स्तर है।
दूसरी तरफ, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 2 प्रतिशत गिर गया, जो 4 नवंबर, 2024 के बाद से इसका सबसे निचला समापन स्तर था।
जानकारों का मानना है कि बाजार में गिरावट की मुख्य वजह निवेशकों की चिंता है, जो ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और मंदी की संभावनाओं को लेकर असमंजस में हैं।