नई दिल्ली, 14 फरवरी (आईएएनएस)।
प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिकी दौरा दोनों देशों के बीच व्यापारिक मामलों को लेकर महत्वपूर्ण रहा है। दोनों देशों ने आपसी व्यापार को और बढ़ाने पर जोर दिया है। हालांकि ट्रंप मोदी इससे पहले ही दूसरे देशों के साथ व्यापार में टैरिफ को लेकर टिट फॉर टेट की पॉलिसी साइन कर चुके हैं और उन्होंने पीएम मोदी के साथ वार्ता में भी इस बात का जिक्र किया। दोनों देश के नेताओं के बीच करीब चार घंटे तक चली मुलाकात के बाद एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में टैरिफ, ट्रेड, सुरक्षा, आतंकवाद, परमाणु सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
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ट्रंप बोले- मोदी से मेरा कोई मुकाबला नहीं
ट्रंप ने पीएम मोदी को एक 'टफ नेगोशिएटर' (मोल-भाव करने वाला) बताया, हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी के लिए यह भी कहा कि उन्होंने अपने दोस्त को बहुत मिस किया। उन्होंने कहा कि नेगोशिएशन को लेकर मेरा पीएम मोदी से कोई मुकाबला नहीं है। ट्रंप ने आगे कहा कि भारत अमेरिकी वस्तुओं पर ऊंचा टैरिफ लगाता है, खासकर ऑटोमोटिव एक्सपोर्ट सेक्टर को लेकर टैरिफ ऊंचा रहता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश बातचीत के जरिए करीब 100 बिलियन डॉलर के व्यापार घाटे को कम करने को लेकर काम करेंगे।
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जो देश जितना टैरिफ लगाएगा, उतना ही देगा भी
ट्रंप ने कहा "हम एक लेवल प्लेइंग फील्ड चाहते हैं और हम तेल और गैस की बिक्री से ऑटोमोटिव एक्सपोर्ट सेक्टर पर ऊंचे टैरिफ से होने वाले व्यापार घाटे को आसानी से पूरा कर सकते हैं"। हालांकि, ट्रंप रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने को लेकर एग्जिक्यूटिव ऑर्डर्स पर पहले ही साइन कर चुके हैं, जिसका मतलब साफ है कि जो देश जितना टैरिफ लगाएगा उतना ही टैरिफ उस देश के सामान पर भी लगाया जाएगा।
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पांच वर्षों में 500 बिलियन डॉलर होगा ट्रेड
अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने प्रशासन की व्यापार नीति के बारे में कहा, "हम भारत के साथ भी काम करने जा रहे हैं। हम निकट भविष्य में कई बड़े व्यापार सौदों की घोषणा करने वाले हैं।" दोनों देश के नेताओं ने सहमति जताई कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड को डबल किया जाएगा। 2030 तक दोनों देशों के बीच ट्रेड को 500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाए जाने की भी योजना है।