नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली विधान सभा चुनाव में सभी पार्टियों ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है। बात भाजपा की करें तो पार्टी के लिए एक चिंता की बात सामने आई है। पार्टी के आंतरिक सर्वे में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार की आशंका जताई गई है। सूत्रों की माने तो सर्वे में दिल्ली में भाजपा को 17 से 18 सीट पर ही जीत मिलने की बात कही गई है। वैसे तो पार्टी पूरे दमखम के साथ चुनाव में उतर चुकी है,लेकिन ये सर्वे काफी निराश करने वाले हैं। यही कारण है कि अब पार्टी ने चुनाव की रणनीति को और पुख्ता करते हुए बड़े-बड़े चेहरे को भी प्रचार में उतारने का मन बना लिया है।
पार्टी की एक मीटिंग में सर्वे के नतीजों पर चर्चा हुई और इसके हिसाब से आगे की रणनीति बनाने पर जोर दिया गया। संगठन को सक्रिय होने के साथ -साथ बड़े नेताओं के कार्यक्रम को ज्यादा से ज्यादा बढाने पर जोर दिया गया है। वैसे भी आम आदमी पार्टी दिल्ली में अरविंद केजरीवल के चेहरे पर चुनाव लड़ रही है और सीएम चेहरे के नाम पर भाजपा को घेर रही है। दिल्ली भाजपा की बात करें तो जमीनी हकीकत ये है कि कोई भी चेहरा उतना प्रभावी नहीं दिखाई नहीं दे रहा है जो दिल्ली में अपने दम पर चुनाव जीता सके। इन सबका ध्यान रखते हुए केन्द्रीय नेतृत्व ने एक विशेष रणनीति को अंजाम देने का फैसला किया है। दिल्ली के लगभग सभी विधान सभा क्षेत्रों में किसी न किसी बड़े लीडर की एक सभा जरूर कराई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी,अमित शाह,जे.पी नड्डा ,राजनाथ सिंह के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इस चुनाव में सक्रिय रूप से लगाया जा रहा है।
दिल्ली चुनाव में भाजपा ने लगाया जोर
दिल्ली चुनाव भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। वैसे तो भाजपा हर एक चुनाव को पूरी गंभीरता के साथ लड़ती है, लेकिन पार्टी के सर्वे ने कहीं न कहीं चिंताएं बढ़ा दी हैं। शायद यही वजह है कि पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। आने वाले 5 फरवरी को दिल्ली की जनता ही बता देगी कि भाजपा कि रणनीति कितनी सफल रही।