दिल्ली चुनाव की बात करें तो नार्थ-वेस्ट का सुल्तानपुर माजरा विधान सभा काफी सुर्खियों में रहता है। वजह साफ है कि यहाँ चुना हुआ विधायक पूरी दिल्ली में अपनी पहचान रखता है। माना जाता है कि सुल्तानपुर माजरा का विधायक या तो दिल्ली सरकार में मंत्री होगा या पार्टी में किसी उच्च पद पर आसीन होगा। 1993 मे वजूद में आया ये विधान सभा हमेशा ही रिजर्व कटगरी में रहा। मुकेश अहलावत यहाँ के मौजूदा विधायक और दिल्ली सरकार में मंत्री भी हैं। आम आदमी पार्टी ने इस बार भी उन्हीं को मैदान में उतारा है। भाजपा ने कर्म सिंह कर्मा को अपना उम्मीदवार बनाकर आम आदमी पार्टी के समीकरण को बिगाड़ने की कोशिश की है। कांग्रेस ने अपने पुराने खिलाड़ी जय किशन को टिकट दिया है जो पहले भी तीन बार विधायक रह चुके हैं। बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार कुलवन्त राणा भी मैदान मे नजर या रहे हैं। पिछले दो चुनावों की अगर बात करें तो आम आदमी पार्टी लगातार चुनाव जीतती आ रही है। मुकेश अहलावत के पहले इस सीट पर संदीप कुमार आम आदमी पार्टी से चुनाव जीते । बड़े आरोप के चलते उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। बाद में मुकेश अहलावत को टिकट दिया गया और जीत के बाद दिल्ली सरकार में मंत्री बनाया गया है।
सुल्तानपुर माजरा में बदल सकता है समीकरण
सुल्तानपुर माजरा में इस बार काफी उलटफेर देखने को मिल सकता है। बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार इलाके में काफी जाना-पहचाना है। राणा की मौजूदगी के चलते वोटों का बंटना तय माना जा रहा है। कांग्रेस प्रत्याशी जय किशन का भी इस क्षेत्र में अच्छा जनाधार है। ये दोनों पार्टियां आम आदमी पार्टी की मुसीबतें बढ़ा सकती हैं। इन सारे समीकरणों को देखते हुए भाजपा का मनोबल काफी ऊंचा है। चाहे कांग्रेस हो या आम आदमी पार्टी, फ्री की रेवड़ी का सभी सहारा ले रहे हैं। ये अब 8 फरवरी को ही पता चलेगा कि जनता किसे अपना समर्थन देती है और किसको जमीन पर उतार देती है।