नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल पर आधारित डॉक्यूमेंट्री अनब्रेकेबल की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि यह डॉक्यूमेंट्री उस समय पर आधारित है जब अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सतेंद्र जैन जेल गए थे।
डॉक्यूमेंट्री पर रोक लगने के बाद दिल्ली की राजनीति में नया ट्रेंड शुरू हो गया है। आप नेता इस मामले के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और दिल्ली पुलिस पर भाजपा के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने भाजपा के इशारे पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक लगाई है। आपको बता दें कि केजरीवाल पर आधारित डॉक्यूमेंट्री अनब्रेकेबल की स्क्रीनिंग 18 जनवरी को प्यारेलाल भवन (आईटीओ) में 11:30 बजे होनी थी।
दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
इस डॉक्यूमेंट्री पर रोक को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से भी बयान आया है। पुलिस का कहना है कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए इसे दिखाना नियमों का उल्लंघन है। चूंकि राज्य में चुनाव की घोषणा हो चुकी है, इसलिए किसी भी राजनीतिक दल को ऐसी सभा के लिए डीईओ कार्यालय में सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए अनुमति के लिए आवेदन करना होगा। चुनाव के दौरान यह एक मानक प्रक्रिया है।
अरविंद केजरीवाल ने इस पूरे मामले पर अपने सोशल मीडिया पेज पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,
"आम आदमी पार्टी पर एक फिल्म बनाई गई है। आज जहां पत्रकारों को यह फिल्म दिखाई जानी थी, वहां देखिए, बीजेपी ने भारी संख्या में पुलिस तैनात करके इस फिल्म की स्क्रीनिंग रुकवा दी। बीजेपी इस फिल्म से बहुत डरी हुई है। क्यों? बीजेपी इस फिल्म को क्यों रोकना चाहती है? इस फिल्म में ऐसा क्या है जिससे बीजेपी डरी हुई है? यह फिल्म पर्दे के पीछे के उन सभी रहस्यों को उजागर करती है जब "आप" नेताओं को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया था। यह बीजेपी सरकार के अवैध और असंवैधानिक कार्यों को उजागर करती है।"
भाजपा की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर भाजपा ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिस पर मोती नगर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी हरीश खुराना ने कहा कि
"चूंकि चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है, इसलिए हर काम के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी चाहिए... जानबूझकर नियमों को तोड़ना और फिर यह दिखाना कि उनके साथ राजनीति हो रही है, ये उनके (अरविंद केजरीवाल) पुराने खेल हैं। दिल्ली की जनता समझ चुकी है। वह दिन दूर नहीं जब 8 तारीख को दिल्ली का मुख्यमंत्री शपथ ले लेगा और अरविंद केजरीवाल विपक्ष के नेता बनने के लायक भी नहीं रहेंगे।"