नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद, बीजेपी में दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने नई दिल्ली सीट से विधायक प्रवेश वर्मा के नाम पर सहमति जताई है। उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदार माना जा रहा है और ऐसा कहा जा रहा है कि यह उनका इनाम होगा, क्योंकि उन्होंने अरविंद केजरीवाल को हराया।
प्रवेश वर्मा की केंद्रीय नेताओं से मुलाकात
8 फरवरी को दिल्ली चुनाव परिणाम आने के बाद, प्रवेश वर्मा सबसे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिले थे। उनके नाम पर पार्टी नेतृत्व को पूरा विश्वास है, यही कारण है कि उन्हें केजरीवाल को हराने के लिए मैदान में उतारा गया था। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी और आरएसएस में अब वर्मा के नाम पर पूरी सहमति बन गई है। लेकिन अंत में बाजी पलट सकती है। अक्सर देखा गया है कि भाजपा नए चेहरे को सीएम की कुर्सी देती है। ऐसे में प्रवेश वर्मा के साथ ही और तीन नेताओं की चर्चाएं हो रही है।
बीजेपी के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कई विकल्प
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद, पार्टी में नए मुख्यमंत्री के चयन को लेकर सक्रियता बढ़ गई है। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 9 फरवरी को बैठक की थी। बीजेपी के पास मुख्यमंत्री पद के लिए कई संभावित उम्मीदवार हैं। हालांकि, बीजेपी के राजनीतिक इतिहास को देखते हुए, पार्टी ने हमेशा बड़े राजनीतिक संदेश देने के लिए अपेक्षाकृत कम चर्चित नेताओं को मौका दिया है। ऐसे में, प्रवेश वर्मा के अलावा पार्टी के अन्य नेताओं जैसे सतीश उपाध्याय, विजेंद्र गुप्ता और पवन शर्मा के नामों पर भी चर्चा हो रही है।
प्रवेश वर्मा की 'जायंट किलर' के रूप में पहचान
सीएम कुर्सी की रेस में प्रवेश वर्मा सबसे आगे हैं। उन्हें दिल्ली की सियासत में 'जायंट किलर' के रूप में पहचाना जा रहा है। उन्होंने यमुना मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और केजरीवाल को उनके इलाके में हराकर अपनी ताकत दिखाई। वर्मा की यह जीत बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक सफलता रही है, जिससे उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए मजबूत दावेदार बना दिया है।
दिल्ली में बनिया जाति के दमदार नेता
सीएम कुर्सी के लिए जो दूसरा संभावित नाम है वो है विजेंद्र गुप्ता। बीजेपी बीते दस साल से दिल्ली की सत्ता से भले ही दूर रही हों लेकिन विजेंद्र गुप्ता लगातार रोहिणी से जीतते रहे हैं। वह बीजेपी के स्टैंड को दमदार तरीक़े से विधानसभा में रखते रहे हैं।सरकारी कामकाज और दिल्ली सरकार की बारीकियों को बखूबी समझते हैं। रोहिणी में विकास के जो काम उन्होंने किए उसकी वजह से अमित शाह भी उनकी तारीफ़ कर चुके हैं। वह दिल्ली में बनिया जाति के दमदार नेता के तौर पर जाने जाते हैं।
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए ब्राह्मण चेहरे
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में सतीश उपाध्याय और पवन शर्मा का नाम प्रमुख रूप से उभरकर सामने आ रहा है। सतीश उपाध्याय ने मालवीय नगर से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती को हराकर अपनी जीत सुनिश्चित की है। उन्हें संगठन के कामकाज का गहरा अनुभव है और उनकी छवि एक अनुभवी कार्यकर्ता के तौर पर स्थापित है, जो उन्हें पार्टी में एक मजबूत दावेदार बनाता है।
पवन शर्मा की खामोशी और प्रभाव
दूसरी ओर, पवन शर्मा, जिन्होंने उत्तम नगर से विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की, भी मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे हैं। पवन शर्मा को खामोशी से काम करने वाले एक प्रभावशाली कार्यकर्ता के रूप में पहचाना जाता है। माना जाता है कि उनके आरएसएस से अच्छे संबंधों ने उन्हें विधानसभा चुनाव के टिकट दिलवाने में मदद की, जो उन्हें पार्टी में एक महत्वपूर्ण स्थिति में रखते हैं।
दिल्ली का सीएम कौन ?
बीजेपी के एक नेता ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व किसी नया चेहरा भी ला सकता है, जो दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाने के लिए सक्षम हो। इस बीच, बीजेपी दिल्ली के आगामी मुख्यमंत्री के नाम पर जल्द ही अंतिम निर्णय ले सकती है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व किसे दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा करता है।