नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क
दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर 5 फरवरी को चुनाव संपन्न हुए। लोकतंत्र के इस बड़े पर्व में से जो बड़ी तस्वीर सामने आई, वो थी वोट डालते हुए पाकिस्तानी शरणार्थी। बता दें दिल्ली विधानसभा चुनाव में 5 फरवरी को दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों ने पहली बार नागरिकता संशोधन अधिनियम या CAA के तहत नागरिकता मिलने के बाद पहली बार अपने मताधिकार कर वोट डाला।
इनमें से कई पहली बार मतदाताओं ने गर्व की गहरी भावना व्यक्त की।
लोगों ने साझा किए अपने अनुभव
पाकिस्तानी शरणार्थियों में से एक धनवंती (जो अब भारतीय मतदाता हैं) ने कहा, "मैंने पहली बार यहां भारत में मतदान किया। मुझे बहुत खुशी हो रही है। हम अब देश के नागरिक हैं।
पाकिस्तानी शरणार्थियों में से एक शंकर (जो अब भारतीय मतदाता हैं) ने कहा, "मैं 2013 में पाकिस्तान से यहां आया था। हमें पिछले महीने वोटर कार्ड मिला। वोट डालने के बाद मैं बहुत खुश हूं।आज 100 से ज्यादा परिवारों ने वोट डाला।"
क्या है सीएए
सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी सीएए वो एक्ट है जिससे तीन पड़ोसी मुस्लिम बाहुल्य देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन लोगों को भारत की नागरिकता मिल रही है, जो दिसंबर 2014 तक किसी ना किसी प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए। इसमें गैर-मुस्लिम माइनॉरिटी- हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शामिल हैं।
देशभर में लागू होने तक का सफर
नागरिकता संशोधन बिल पहली बार 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था। यहां से तो ये पास हो गया था, लेकिन राज्यसभा में अटक गया था। बाद में इसे संसदीय समिति के पास भेजा गया और फिर 2019 का चुनाव आ गया। फिर से मोदी सरकार बनी। दिसंबर 2019 में इसे लोकसभा में दोबारा पेश किया गया। इस बार ये बिल लोकसभा और राज्यसभा, दोनों जगह से पास हो गया। 10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी। लेकिन उस समय कोरोना के कारण इसमें देरी हुई। इसके बाद 11 मार्च को सरकार की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को केंद्र सरकार ने लागू कर दिया गया।