नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
दिल्ली में तीन बड़े कूड़े के पहाड़ परेशानी का सबब बने हुए हैं। कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है। दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट में मौजूद कूड़े को कम करने की तैयारी है। हर लैंडफिल साइट से रोजाना 22 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़े का निस्तारण किया जाएगा।
दिल्ली में कूड़े के पहाड़
दरअसल, राजधानी में कूड़ा इकट्ठा करके एक जगह डंप किया जाता है, जिसे लैंडफिल साइट्स कहा जाता है। इन लैंडफिल साइट्स पर कई मीटर ऊंचे कचरे के पहाड़ हैं। आपको बता दें कि अभी दिल्ली निगर निगम 18 से 20 हजार मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण कर रहा है। अब इस कूड़े को हटाने के कार्य में तेजी लायी जाएगी और रोजाना 22 हजार मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण किया जाएगा।
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दिल्ली में तीन लैंडफिल साइट
दिल्ली में तीन लैंडफिल साइट हैं-भलस्वा, गाजीपुर और ओखला। इन लैंडफिल साइट्स में जुलाई 2022 से लेकर दिसंबर 2024 तक 96 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़े की बायोमाइनिंग की गई है। पुराने कूड़े की बात करें तो निगम ने दिसंबर 2024 तक 148.84 लाख मीट्रिक टन पुराने कूड़े का निस्तारण किया है। फिलहाल की स्थिति में गाजीपुर में सबसे धीमी गति से कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। अब गाजीपुर में भी कूड़ा निस्तारण की गति बढ़ाई जाएगी।
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दिल्ली में कूड़े की स्थिति?
दिल्ली में हर दिन 11 हजार 500 मीट्रिक टन कूड़ा निकल रहा है। तीनों लैंडफिल साइटों पर 163 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा है। अधिकारियों के मुताबिक, लैंडफिल साइट पर कूड़ा कम करने की तैयारी है और इस रणनीति पर काम किया जा रहा है। दिल्ली में अब तक 590 कॉलोनियां जीरो वेस्ट कॉलोनी बन चुकी हैं, इस साल जीरो वेस्ट कॉलोनियों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
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