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Delhi Politics: विस अध्यक्ष की दो टूक, निलंबित AAP MLAs परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते

गुप्ता ने नवगठित आठवीं दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के प्रथम अभिभाषण के दौरान नारेबाजी करने पर आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को मंगलवार को तीन दिन के लिए निलंबित करने के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया। 

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Mukesh Pandit
vidhan sabha

Photograph: (X)

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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने बृहस्पतिवार को व्यवस्था दी कि मार्शल द्वारा बाहर निकाले गए या निलंबित किए गए किसी भी सदस्य को सदन परिसर में प्रवेश नहीं मिलेगा। गुप्ता ने नवगठित आठवीं दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के प्रथम अभिभाषण के दौरान नारेबाजी करने पर आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को मंगलवार को तीन दिन के लिए निलंबित करने के मुद्दे पर अपना फैसला सुनाया। 

आप विधायक ने उठाया मुद्दा

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आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने यह मुद्दा उठाया और अध्यक्ष से निलंबित सदस्यों को वापस बुलाने का आग्रह किया। सक्सेना के अभिभाषण के दौरान सदन में अनुपस्थित रहने के कारण ओखला से विधायक निलंबन से बचने वाले एकमात्र आप सदस्य थे। स्पष्टीकरण जारी करते हुए गुप्ता ने कहा कि नियम पुस्तिका के अनुसार, "सदन" का तात्पर्य दिल्ली विधानसभा के सम्पूर्ण परिसर से है। उन्होंने नियम पुस्तिका का हवाला देते हुए कहा कि सदन परिसर का तात्पर्य सभा कक्ष, लॉबी, गैलरी, विधानसभा सचिवालय के अधीन कक्ष, अध्यक्ष कक्ष, उपाध्यक्ष कक्ष, समिति कक्ष, विधानसभा पुस्तकालय, वाचनालय, पार्टी कक्ष, रास्ते तथा ऐसे अन्य स्थान जिन्हें अध्यक्ष समय-समय पर निर्दिष्ट करें से है। 

नियमों के तहत की गई कारवाई

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गुप्ता ने कहा कि यदि किसी सदस्य को सदन से बाहर निकाला जाता है तो नियम पुस्तिका के अनुसार वह (विधानसभा) परिसर से बाहर चला जाएगा। उन्होंने कहा, "मैं सभी सदस्यों को स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जब भी ऐसी स्थिति आती है तो पूरा विधानसभा परिसर सदन का हिस्सा होता है।" इस पर खान ने कहा कि जब ‘आप’ सरकार में थी तो ऐसी चीजें कभी नहीं हुईं।

उन्होंने कहा, "हमारे सभी विधायक गेट के बाहर बैठे हैं। आप उन्हें अंदर आने की अनुमति दे सकते थे। लोगों ने आपको काम करने के लिए चुना है। दुश्मनी इतनी नहीं होनी चाहिए कि आप हमें विधानसभा परिसर में प्रवेश न करने दें।" 

आप विधायकों की हरकत निंदनीय थी

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हालांकि, अध्यक्ष ने कहा कि सक्सेना के संबोधन के दौरान आप विधायकों की हरकत "निंदनीय" थी और ऐसी घटनाएं भारत के इतिहास में बहुत कम बार हुई हैं। उन्होंने सदन को उसके निर्णय के लिए बधाई भी दी। खान ने अध्यक्ष से विपक्षी विधायकों को वापस बुलाने का आग्रह किया और अतीत की घटनाओं का हवाला दिया जब आप सरकार के दौरान भाजपा विधायकों को बाहर निकाल दिया गया था और फिर उनके सहयोगियों के अनुरोध पर उन्हें वापस आने दिया गया था।

भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट को विपक्ष के किसी भी विधायक की मौजूदगी के बिना उपाध्यक्ष चुन लिया गया। आप के निलंबित विधायकों ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।। उनका निलंबन शुक्रवार को समाप्त हो रहा है। 

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