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Female Naxalite गिरफ्तार; नोएडा-दिल्ली में घरेलू सहायिका के रूप में करती थी काम

Naxalite झूठी पहचान के आधार पर नोएडा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में घरेलू सहायिका के तौर पर काम रही थी और इसके बाद वह अंतत: पीतमपुरा में रहने लगी।

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Mukesh Pandit
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Photograph: (flie)

नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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बाहरी दिल्ली के पीतमपुरा इलाके से झारखंड की रहने वाली एक महिला नक्सली को गिरफ्तार किया गया है। वह राष्ट्रीय राजधानी में फर्जी पहचान बताकर रह रही थी और एक घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थी। पुलिस ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी। दिल्ली पुलिस के अनुसार, 23 वर्षीय महिला नक्सली मूल रूप से पूर्वी राज्य के पश्चिमी सिंहभूम के कुदाबुरु गांव की रहने वाली है। वह पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के कई मामलों में वांछित थी। 

वर्ष 2020 दिल्ली आई थी

पुलिस के अनुसार, नक्सली के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। झारखंड की एक अदालत ने 26 मार्च 2023 को उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। पुलिस ने बताया कि महिला नक्सली संभवत: 2020 में दिल्ली आई थी। वह झूठी पहचान के आधार पर नोएडा और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में घरेलू सहायिका के तौर पर काम रही थी और इसके बाद वह अंतत: पीतमपुरा में रहने लगी। 

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10 वर्ष की आयु में ही शामिल हो गई थी

पुलिस उपायुक्त (अपराध) विक्रम सिंह ने बताया, ‘कई महीनों की निगरानी और खुफिया जानकारी जुटाने के बाद अपराध शाखा को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक माओवादी चरमपंथी की मौजूदगी के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिली।’अधिकारी ने बताया कि पुलिस की टीम ने चार मार्च को महाराणा प्रताप एन्क्लेव, पीतमपुरा में छापेमारी की थी और इस दौरान ही महिला नक्सली को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि एक किसान परिवार में उसका जन्म हुआ था और वह 10 वर्ष की आयु में ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) गुट में शामिल हो गई थी। 

पांच साल तक गहन प्रशिक्षण लिया

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पुलिस उपायुक्त ने को बताया, ‘महिला नक्सली ने झारखंड के कोल्हान जंगल में रमेश नामक कमांडर के नेतृत्व में पांच साल तक गहन प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के दौरान उसे इंसास राइफल, एसएलआर, एलएमजी, हथगोला और .303 राइफल जैसे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करना सिखाया गया।’’ उन्होंने बताया कि झारखंड पुलिस के साथ 2018 और 2020 के बीच हुई तीन मुठभेड़ में वह सक्रिय रूप से शामिल थी।

पुलिस और नक्सलियों के बीच 2018 में कोल्हान में मुठभेड़ हुई। इसके बाद 2010 में पोरहाट में और साल 2020 में सोनुआ में मुठभेड़ हुई थी। इन मुठभेड़ों के बाद महिला नक्सली के गुट के कमांडरों ने उसे दिल्ली चले जाने का निर्देश दिया था। अधिकारी ने बताया कि झारखंड के सोनुआ थाने में महिला नक्सली के खिलाफ आपराधिक साजिश, हत्या का प्रयास और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित गंभीर आरोपों के तहत कई प्राथमिकियां दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए उसे अदालत में पेश किया जाएगा। 

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