Advertisment

SBI Report : Bangladesh–Cambodia–Indonesia की गिरावट से India बन सकता है कपड़ा निर्यात का नया लीडर!

अमेरिका के नए टैरिफ से बांग्लादेश, कंबोडिया और इंडोनेशिया का कपड़ा निर्यात संकट में है, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। SBI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपनी विशाल उत्पादन क्षमता और सरकारी नीतियों के दम पर इन देशों का बाजार हिस्सा हथिया सकता है।

author-image
Ajit Kumar Pandey
SBI Report :  Bangladesh–Cambodia–Indonesia की गिरावट से India बन सकता है कपड़ा निर्यात का नया लीडर! | यंग भारत न्यूज

SBI Report : Bangladesh–Cambodia–Indonesia की गिरावट से India बन सकता है कपड़ा निर्यात का नया लीडर! | यंग भारत न्यूज Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अमेरिका के नए टैरिफ ने बांग्लादेश, कंबोडिया और इंडोनेशिया को मुश्किल में डाल दिया है, लेकिन भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर है! SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत इन देशों का कपड़ा निर्यात बाजार हथिया सकता है, जिससे लाखों नए रोज़गार पैदा होंगे और देश की अर्थव्यवस्था को नई उड़ान मिलेगी। क्या भारत इस मौके को भुना पाएगा?

Advertisment

हाल ही में अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ ने वैश्विक कपड़ा उद्योग में हलचल मचा दी है। इन टैरिफ का सीधा असर उन देशों पर पड़ा है जो बड़ी मात्रा में अमेरिका को कपड़ा निर्यात करते हैं, खासकर बांग्लादेश, कंबोडिया और इंडोनेशिया। इन देशों के लिए अब अमेरिकी बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि उनके उत्पादों की कीमतें बढ़ गई हैं। लेकिन कहते हैं न, एक का नुकसान दूसरे का फायदा होता है, और इस मामले में यह फायदा भारत के हिस्से आ सकता है।

SBI रिपोर्ट: भारत के पक्ष में क्यों झुका पलड़ा?

Advertisment

मंगलवार 15 जुलाई 2025 को जारी भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि भारत के पास इन देशों के कपड़ा निर्यात हिस्से को हथियाने का एक बड़ा मौका है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत की कपड़ा विनिर्माण क्षमता, कुशल कार्यबल और कच्चे माल की उपलब्धता उसे एक मजबूत दावेदार बनाती है।

उत्पादन क्षमता: भारत दुनिया के सबसे बड़े कपड़ा उत्पादकों में से एक है, जिसके पास कताई, बुनाई, प्रसंस्करण और परिधान निर्माण की विशाल क्षमता है।

कुशल श्रमिक: देश में कुशल श्रमिकों की कोई कमी नहीं है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने में सक्षम हैं।

Advertisment

कच्चे माल की उपलब्धता: कपास, जूट और रेशम जैसे विभिन्न प्रकार के कच्चे माल की घरेलू उपलब्धता भारत को अन्य देशों की तुलना में अधिक आत्मनिर्भर बनाती है।

सरकारी नीतियां: सरकार की 'मेक इन इंडिया' और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं भी कपड़ा उद्योग को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे निर्यातकों को अतिरिक्त लाभ मिल रहा है।

बांग्लादेश, कंबोडिया, इंडोनेशिया : कहां हुई चूक?

Advertisment

इन देशों को टैरिफ का झटका क्यों लगा? इसका एक मुख्य कारण अमेरिका पर उनकी अत्यधिक निर्भरता है। इन देशों का एक बड़ा हिस्सा कपड़ा निर्यात अमेरिका को होता है। जब अमेरिका ने टैरिफ लगाए, तो उनके लिए कोई 'प्लान बी' नहीं था। इसके अलावा, श्रम कानूनों और पर्यावरणीय नियमों में कुछ ढिलाई भी उनके खिलाफ गई, जिससे अमेरिका ने उनके उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाना उचित समझा।

भारत के लिए क्या हैं चुनौतियां और अवसर?

यह मौका जितना बड़ा है, उतनी ही बड़ी चुनौतियां भी हैं। भारत को अपनी आपूर्ति श्रृंखला को और मजबूत करना होगा, उत्पादन लागत को प्रतिस्पर्धी बनाए रखना होगा, और वैश्विक बाजार की बदलती मांगों के अनुरूप खुद को ढालना होगा।

ऐसे मिलेंगे नए अवसर

  • लाखों नए रोज़गार का सृजन।
  • विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि।
  • 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा।
  • वैश्विक कपड़ा बाजार में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

ये हैं आने वाली चुनौतियां

  • बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता।
  • कुशल श्रमशक्ति का निरंतर प्रशिक्षण।
  • स्वचालन (automation) और डिजिटलीकरण को अपनाना।
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समझौतों का प्रभावी ढंग से लाभ उठाना।

आगे की राह: भारत कैसे इस मौके को भुनाएगा?

भारत सरकार और उद्योग जगत को मिलकर काम करना होगा। त्वरित निर्णय, नीतियों का कुशल क्रियान्वयन, और निर्यातकों को हर संभव सहायता प्रदान करना इस अवसर को भुनाने के लिए महत्वपूर्ण होगा। गुणवत्ता नियंत्रण, डिलीवरी समय का पालन, और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना भारत को एक विश्वसनीय और पसंदीदा कपड़ा निर्यात गंतव्य बना सकता है। यदि हम सही दिशा में कदम बढ़ाते हैं, तो यह न केवल हमारे कपड़ा उद्योग के लिए बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है।

america tariff 

India Bangladesh Tariff Indonesia america tariff sbi
Advertisment
Advertisment