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हिमाचल प्रदेश, वाईबीएन डेस्क |हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार इस मूसलाधार बारिश में 37 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 400 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 7 जुलाई तक राज्य के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है।
400 करोड़ से अधिक का नुकसान
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राजस्व विभाग के अनुसार, लगातार मानसून की बारिश के कारण राज्य को ₹400 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। खोज, बचाव और राहत अभियान चल रहे हैं, खासकर सबसे ज्यादा प्रभावित मंडी जिले में, जहां कई सड़कें अवरुद्ध हैं और आवश्यक सेवाएं बाधित हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और राजस्व विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमारे सिस्टम में दर्ज आंकड़ों के अनुसार, अब तक 400 करोड़ से अधिक का नुकसान दर्ज किया गया है। वास्तविक नुकसान इससे कहीं अधिक होने की संभावना है। फिलहाल खोज, बचाव और बहाली पर काम जारी है। पीडब्ल्यूडी इंजीनियर सड़क बहाली की देखरेख कर रहे हैं, जबकि बिजली बोर्ड के संचालन निदेशक और जल शक्ति के मुख्य अभियंता भी मंडी में मौजूद हैं।"
मंडी जिले में 40 लोग लापता
अब तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, चालू मानसून सीजन के दौरान बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण 37 लोगों की मौत हो गई है। इस अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के कारण 26 और मौतें हुई हैं। अधिकारियों ने कहा कि अकेले मंडी जिले में 40 लोग लापता बताए गए हैं और व्यापक तलाशी अभियान जारी है। राणा ने कहा, "मंडी का एक गांव तबाह हो गया है। राहत शिविर बनाया गया है और कल भारतीय वायुसेना द्वारा भोजन के पैकेट गिराए गए।" जलवायु के व्यापक संदर्भ पर प्रकाश डालते हुए डीसी राणा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का असर पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश पर भी पड़ा है।
हिमाचल में लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त
"ये घटनाएं ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का परिणाम हैं। हिमाचल भी इन प्रभावों से अछूता नहीं है।" राज्य भर में 250 सड़कें बंद हैं, 500 से ज़्यादा बिजली वितरण ट्रांसफ़ॉर्मर (DTR) काम नहीं कर रहे हैं और लगभग 700 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अलावा स्थानीय प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड, SDRF और NDRF सहित केंद्रीय एजेंसियाँ समन्वित प्रतिक्रिया प्रयासों में शामिल हैं। इस बीच, शिमला में भारी बारिश के कारण दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्कूली बच्चे सबसे ज़्यादा प्रभावित लोगों में से हैं। स्कूलों में पानी भर गए हैं।
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