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नई दिल्ली, आईएएनएस: भारत में तेजी के इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाया जा रहा है और फरवरी 2025 तक 56.75 लाख ईवी पंजीकृत हुए हैं। यह जानकारी सरकारी डेटा में दी गई। डेटा के अनुसार, वित्त वर्ष 25 में देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 11.49 लाख यूनिट्स रही थी, जो कि पिछले वित्त वर्ष के आंकड़े 9.48 लाख यूनिट्स से 21 प्रतिशत अधिक थी। यह आंकड़े बताते हैं कि लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। सरकार ने भी 2030 तक कुल वाहनों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
ईवी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए सरकार चला रही योजनाएं
सरकार ईवी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है, जिसमें हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तेज अपनाना और निर्माण (फेम-2), पीएम ई-ड्राइव, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम, पीएम ई-बस सेवा शामिल हैं। फेम-2 की सफलता को देखते हुए सरकार ने फेम-3 स्कीम को शुरू किया है, जिसके तहत 16,29,600 ईवी वाहनों को सपोर्ट किया जा रहा है, जिसमें दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया वाहन और बस शामिल हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए, भारी उद्योग मंत्रालय ने मार्च 2023 में तीन तेल कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन - को पूरे भारत में अपने ईंधन आउटलेट पर 7,432 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपए मंजूर किए थे।
जून, 2025 तक 8,885 ईवी पीसीएस हुए स्थापित
मार्च 2024 में, 980 चार्जिंग स्टेशनों को अपग्रेड करने के लिए अतिरिक्त 73.50 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे। 9,332 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पीसीएस की स्थापना के लिए कुल 912.50 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इसके तहत 30 जून, 2025 तक 8,885 इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पीसीएस स्थापित किए जा चुके हैं, जो देश के इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। India government 2025 | electric vehicles
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