नई दिल्ली,आईएएनएस। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निम्हान्स)और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं (एएफएमएस) के बीच एक समझौता हुआ है, जिससे रक्षा कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
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मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती
इस समझौते के तहत दोनों संस्थान मिलकर शोध करेंगे और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएंगे, ताकि रक्षा कर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बेहतर सेवाएं मिल सकें। एएफएमएस और निम्हान्स के बीच सहयोग मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और चिकित्सा कर्मियों के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित करने पर केंद्रित होगा। यह सहयोग सैनिकों, नौसैनिकों, वायुसेना कर्मियों और उनके परिवारों की मानसिक परेशानियों को समझने और दूर करने के लिए नए कार्यक्रम विकसित करेगा।
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इस समझौते का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े शोध, फैकल्टी के आदान-प्रदान और शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। निम्हान्स मानसिक रोगों और तंत्रिका विज्ञान में विशेषज्ञता रखता है, यह रक्षा कर्मियों की मनोवैज्ञानिक समस्याओं जैसे कि तनाव, चिंता और अवसाद पर शोध करने में सहायता करेगा।
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जवानों को बेहतरीन मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं मिलें
सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरिन ने कहा, "हमारे सैनिकों का मानसिक स्वास्थ्य उनकी शारीरिक सेहत जितना ही महत्वपूर्ण है। निम्हान्स के सहयोग से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे जवान देश की सेवा के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना बेहतर तरीके से कर सकें।"
निम्हान्स की निदेशक, डॉ. प्रतिमा मूर्ति ने कहा, "रक्षा क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं के साथ काम करना हमारे लिए सम्मान की बात है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश की रक्षा करने वाले जवानों को बेहतरीन मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।"
यह सहयोग रक्षा कर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे देशभर में इस तरह की और पहल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। दोनों संस्थान पूरी तरह से समर्पित हैं कि वे रक्षा बलों के कल्याण के लिए व्यापक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएं।
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