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Ahmedabad Breaking : ड्रीमलाइनर के विवादों का काला सच! जो हर हवाई यात्री को जानना चाहिए

अहमदाबाद में एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्रैश, पूर्व CM समेत 242 यात्री थे सवार। यह विमान पहले भी लीथियम आयन बैटरी में आग लगने और मैन्युफैक्चरिंग खामियों के कारण विवादों में रहा। क्या यह विमान वाकई सुरक्षित है? जानें पूरा सच और विवादों की कहानी।

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Ajit Kumar Pandey
ड्रीमलाइनर के विवादों का काला सच! जो हर हवाई यात्री को जानना चाहिए | यंग भारत न्यूज

ड्रीमलाइनर के विवादों का काला सच! जो हर हवाई यात्री को जानना चाहिए | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । अहमदाबाद में हुए बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान AI-171 उड़ान भरने के महज दो मिनट बाद ही क्रैश हो गया। इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 242 यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई। यह घटना एक बार फिर हवाई यात्रा की सुरक्षा पर सवाल उठा रही है, खासकर जब बात बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे "आधुनिक" विमानों की हो। क्या आप जानते हैं, यह पहला मौका नहीं जब इस विमान की सुरक्षा पर सवाल उठे हों? आखिर क्यों विवादों में रहा है यह ड्रीमलाइनर? इस खबर में हम जानेंगे इस भयानक हादसे की पूरी कहानी और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के विवादों का काला सच, जो हर हवाई यात्री को जानना चाहिए।

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एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने गुरुवार दोपहर 1.38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। टेकऑफ के ठीक 2 मिनट बाद, 1.40 बजे, एयरपोर्ट से सटे कार्गो ऑफिस के कंपाउंड में विमान क्रैश हो गया। घटना स्थल से करीब 100 यात्रियों के शव बरामद किए जा चुके हैं और घायलों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह हादसा न सिर्फ भयावह है, बल्कि उन चिंताओं को भी गहरा करता है जो लंबे समय से बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सुरक्षा को लेकर उठती रही हैं। एक ऐसा विमान जो अपनी ईंधन दक्षता और आरामदायक यात्रा के लिए जाना जाता है, वह आखिर कैसे इतनी जल्दी दुर्घटनाग्रस्त हो गया? यह बड़ा सवाल है जिसका जवाब हर हवाई यात्री चाहता है।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर: आराम या आफत?

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को विमानन उद्योग में एक क्रांति के रूप में देखा गया था। यह विमान अपनी अत्याधुनिक तकनीक, लंबी दूरी तय करने की क्षमता और कम ईंधन खपत के लिए सराहा जाता है। यात्रियों को इसमें अधिक खिड़कियां, बेहतर एयर कंडीशनिंग और आरामदायक माहौल मिलता है। लेकिन इन खूबियों के बावजूद, इस विमान का इतिहास विवादों से भरा रहा है। लगातार सामने आती खामियों ने इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाए हैं। दुनिया भर में इसकी उड़ानों पर 3 महीने तक की रोक भी लग चुकी है। आखिर क्या हैं वे विवाद, जिन्होंने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की छवि को धूमिल किया है?

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ड्रीमलाइनर के विवादों का काला सच! जो हर हवाई यात्री को जानना चाहिए | यंग भारत न्यूज
ड्रीमलाइनर के विवादों का काला सच! जो हर हवाई यात्री को जानना चाहिए | यंग भारत न्यूज

विवाद नंबर 1: लीथियम आयन बैटरियों में आग - जब उड़ानें थम गईं

साल 2013 की शुरुआत में, दो नए ड्रीमलाइनर 787-8 विमानों में गंभीर समस्याएं सामने आईं। जापान की दो एयरलाइन कंपनियों के बेड़े में शामिल इन विमानों में लगी लीथियम आयन (Li-Ion) बैटरियों में आग लगने की घटनाएँ हुईं। एक विमान में आग तब लगी जब वह बोस्टन एयरपोर्ट पर पार्क किया हुआ था, जबकि दूसरा ऑल निप्पॉन एयरवेज का ड्रीमलाइनर उड़ान भर चुका था और आग लगने के चलते उसे इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।

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इस घटना के बाद, अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने एक अभूतपूर्व कदम उठाया। उन्होंने दुनिया भर में सभी ड्रीमलाइनर विमानों की उड़ानों पर 3 महीने के लिए रोक लगा दी। बोइंग के 30 सालों के इतिहास में ऐसा एक्शन पहली बार लिया गया था। इस रोक से कंपनी को भारी नुकसान हुआ और उसकी प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंची। बोइंग ने बाद में अपने बैटरी सिस्टम और उसके इंसुलेशन यानी बैटरी को इंजन की गर्मी से बचाने के तरीके में सुधार किए। लेकिन यह घटना बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सुरक्षा पर एक बड़ा दाग बन गई।

विवाद नंबर 2: बॉडी के जोड़ों में गैप की शिकायत - मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट का खुलासा

2020 से 2022 के दौरान, ड्रीमलाइनर में कई बार मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट की खबरें सामने आईं। ड्रीमलाइनर एक वाइड-बॉडी यानी काफी चौड़ा यात्री विमान है। इसके अलग-अलग हिस्से अलग-अलग जगहों पर बनते हैं, जिन्हें बाद में जोड़ा जाता है। इस प्रक्रिया में कई विमानों में बॉडी के जोड़े गए हिस्सों में ज्यादा गैप की शिकायत आई। बॉडी में इस्तेमाल होने वाले कार्बन-फाइबर के हिस्सों को भी ठीक से नहीं जोड़ा गया था, जिससे विमान की संरचना में कमजोरी आ सकती थी। बॉडी का झुकाव भी ठीक नहीं था, जो उड़ान के दौरान अस्थिरता पैदा कर सकता था।

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इन शिकायतों के सामने आने के बाद, बोइंग ने 2020 से 2022 के दौरान एयरलाइंस को ड्रीमलाइनर की डिलीवरी रोक दी। FAA ने अपनी निगरानी बढ़ा दी और कई दूसरी कंपनियों को एयरक्राफ्ट डिलीवर करने की मंजूरी दी। आखिरकार, बोइंग ने खुद भी यह स्वीकार किया कि ड्रीमलाइनर की मैन्युफैक्चरिंग में कई तरह की गड़बड़ी थीं। यह स्वीकारोक्ति बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की उत्पादन प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाती है और इसकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ाती है।

विवाद-3: विमान हवा में टूटने का खतरा

अप्रैल 2024 में बोइंग में काम करने वाले एक व्हिसलब्लोअर ने दावा किया था कि ड्रीमलाइनर 787 की बॉडी के कुछ हिस्से ठीक से नहीं जुड़े हैं और ये उड़ानों के दौरान बीच में ही टूट सकते हैं। ये व्हिसलब्लोअर इंजीनियर सैम सालेह थे, जो दस साल से ज्यादा समय से बोइंग में काम कर रहे थे।

सैम ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में दावा किया था कि विमान के कई हिस्सों को एक साथ जोड़ने के तरीके में बदलाव करने से ये दिक्कत हुई है। विमान के धड़ के टुकड़े अलग-अलग कंपनियों से बनकर आते हैं। ये एक साथ जोड़ने पर ठीक से फिट नहीं बैठते हैं।

इन आरोपों के बाद बोइंग के प्रवक्ता पॉल लुईस ने माना था कि मैन्युफैक्चरिंग के तरीके में बदलाव हुए हैं, लेकिन इससे विमान की मजबूती और उसकी लाइफ पर कोई असर नहीं पड़ा है।' बोइंग ने ये भी कहा था कि वह विमान के इन्फ्रास्ट्रक्चर की जांच कर रहे हैं। हालांकि बाद में एक और बयान में बोइंग ने सैम के दावों को नकार दिया था और ड्रीमलाइनर 787 को पूरी तरह सुरक्षित बताया था।

विवाद-4: व्हिसलब्लोअर ने सेफ्टी का सवाल उठाया, रहस्यमयी मौत हो गई

बोइंग में काम करने वाले कई इंजीनियर और ऑफिसर्स ने बोइंग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनका कहना था कि बोइंग विमान की सुरक्षा के स्पीड और ईंधन के खर्च को कम करने पर ज्यादा ध्यान देती है। बोइंग में लंबे समय तक काम कर चुके जॉन बार्नेट ने 2024 में ड्रीमलाइनर-787 की सेफ्टी को लेकर सवाल उठाए थे, मार्च 2024 में उनकी रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई। घर के पास पार्किंग एरिया में उनकी लाश मिली।

विवाद-5: इंजन फेल्योर समेत कई टेक्निकल खामियों की शिकायत

बोइंग 787-8 में पारंपरिक विमानों की तुलना में ज्यादा इलेक्ट्रिकल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। जैसे- हाइड्रोलिक सिस्टम के बजाय इलेक्ट्रिक मोटर्स। इस कारण इसमें टेक्निकल खामियां भी सामने आईं। बोइंग 787-8 में इस्तेमाल होने वाले जनरल इलेक्ट्रिक GEnx और रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 इंजनों में कई बार तकनीकी खराबी की शिकायतें आई। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल सिस्टम का फेल्योर, विंडशील्ड में दरार, फ्यूल लीकेज और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ियां होती रहीं।

2024 में जापान में 787-8 की टेक्निकल कमियों की वजह से हादसा हुआ। जब ANA एयरलाइंस के 787-8 में हाइड्रोलिक ऑयल लीक हुआ, जिसके बाद विमान को रनवे पर ही रोकना पड़ा।

इस हादसे के बाद बोइंग कंपनी और इसके इंजन सप्लायर्स पर खराब रखरखाव और टेस्टिंग में लापरवाही बरतने के आरोप लगे। एक्सपर्ट्स ने तो यहां तक कहा कि इंजन की डिजाइन में कमियां हो सकती हैं, जिससे लंबे समय तक उड़ान के दौरान हादसा हो सकता है। इन समस्याओं की वजह से कई एयरलाइंस ने अपने 787-8 विमानों को अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया। इससे उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।

क्या हवाई यात्रा अब भी सुरक्षित है?

अहमदाबाद का हादसा और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास के ये विवाद हर उस व्यक्ति के मन में डर पैदा करते हैं जो हवाई यात्रा करता है। एक तरफ जहां विमानन उद्योग सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करता है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे हादसे और मैन्युफैक्चरिंग खामियां विश्वास को कमजोर करती हैं। यह सोचना भी भयावह है कि जिस विमान को आराम और आधुनिकता का प्रतीक माना जाता है, वह यात्रियों के लिए खतरा बन सकता है। ऐसे में यह सवाल और भी प्रासंगिक हो जाता है कि क्या हमारी हवाई यात्रा वाकई उतनी सुरक्षित है, जितनी हम मानते हैं?

क्या आप इन हादसों और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के विवादों से चिंतित हैं? क्या आपको लगता है कि एयरलाइंस और विमान निर्माता कंपनियों को सुरक्षा मानकों पर और अधिक ध्यान देना चाहिए? अपनी राय कमेंट करके बताएं। 

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