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Ahmedabad plane crash: गलती से विमान का ‘ईंधन स्विच’ बंद होने की थ्योरी इनकरेक्ट

ईंधन स्विच विमान के इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। स्विच की दो अवस्था होती हैं - 'रन' और 'कट ऑफ'। इनका उपयोग इंजनों को चालू या बंद करने के लिए किया जाता है। ‘ब्रैकेट’के कारण ईंधन स्विच सुरक्षित हैं

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Mukesh Pandit
Air India plane crash
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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर विमान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) की एक प्रारंभिक रिपोर्ट में दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 787-8 का ‘ईंधन स्विच’बंद होने को लेकर दो पायलट के बीच भ्रम की स्थिति का उल्लेख किया गया है। ईंधन स्विच विमान के इंजनों में ईंधन के प्रवाह को नियंत्रित करते हैं। स्विच की दो अवस्था होती हैं - 'रन' और 'कट ऑफ'। इनका उपयोग इंजनों को चालू या बंद करने के लिए किया जाता है। 

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ईंधन स्विच को प्रोटक्ट करते हैं ब्रैकेट

एक अनुभवी पायलट के अनुसार, ईंधन स्विच की अवस्था को गलती से नहीं बदला जा सकता बल्कि इसकी एक प्रक्रिया होती है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर ‘ब्रैकेट’के कारण ईंधन स्विच सुरक्षित होते हैं। ये ब्रैकेट इसलिए लगे होते हैं कि स्विच की अवस्था में अचानक कोई बदलाव न हो। पायलट ने बताया कि स्विच की अवस्था बदलने से पहले उन्हें ऊपर खींचना पड़ता है। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में ईंधन स्विच थ्रस्ट लीवर के नीचे स्थित होते हैं। दुर्घटनाग्रस्त एआई 171 उड़ान के मामले में, विमान के दो इंजनों के ईंधन स्विच एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गए थे और फिर वे चालू हो गए थे। 

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Photograph: (Google)
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थ्रस्ट लीवर कार के एक्सीलेटर पैडल की तरह है

पायलट ने बताया, “थ्रस्ट लीवर कार के एक्सीलेटर पैडल की तरह होता है जिस पर पावर का बढ़ना और घटना निर्भर करता है। इसमें दो चरम अवस्थाएं होती हैं - एक आइडल पावर और एक फुल पावर। इसके अलावा ईंधन नियंत्रण स्विच होता है, जिसमें दो अवस्थाएं होती हैं - कट ऑफ और रन। इसलिए जब आप इंजन बंद करते हैं तो ईंधन नियंत्रण स्विच कट ऑफ मोड में होता है।” अनुभवी पायलट के अनुसार, इंजन चालू करने के लिए दो चरण होते हैं। पहले चरण में स्टार्ट सिलेक्टर को चालू किया जाता है और फिर ईंधन नियंत्रण स्विच को रन मोड में रखा जाता है। 

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क्या है इलेक्टानिक गेट

उन्होंने कहा, “इसके बाद अंदर स्वचालित रूप से बहुत सारी चीजें होने लगती हैं। इंजन चलना शुरू हो जाता है, इसका मतलब है कि इंजन में ईंधन जा रहा है। थ्रस्ट लीवर निष्क्रिय अवस्था में होता है जबकि इंजन निष्क्रिय अवस्था में चलना शुरू कर देता है। ईंधन नियंत्रण को कट ऑफ से रन तक ले जाने में एक इलेक्ट्रॉनिक गेट होता है, जिसके कारण आपको जानबूझकर स्विच को खींचकर इसे रन मोड या फिर इसी तरह खींचकर कट ऑफ पर रखना होता है। यह एक सुरक्षा संबंधी विशेषता होती है।” 

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Photograph: (Google)

टायर में एअर ग्राउंड सेंसर का क्या काम है

उन्होंने कहा, “सामान्यतः जिस समय विमान जमीन से ऊपर उठता है, टायर में एक एअर ग्राउंड सेंसर होता है जो विमान प्रणाली को सूचित करता है कि वह हवा में है या जमीन पर।” उन्होंने कहा, “जब यह हवा में जाता है और हम अपने उपकरण पर देखते हैं कि विमान सही तरह से ऊपर जा रहा है तो उड़ान भरने वाले पायलट को गियर अप करने के लिए कहा जाता है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस मामले में जो देख रहा हूं, वह यह है कि न तो ट्रांसक्रिप्ट में इस बात का जिक्र है और न ही कोई इस बारे में बात कर रहा है कि पायलट पॉजिटिव क्लाइम्ब गियर को ऊपर ले गए या नहीं। गियर लीवर नीचे क्यों थे? हो सकता है कि गियर ऊपर करते समय... दोनों इंजनों के स्विच जानबूझकर या अनजाने में बंद हो गए हों। ” 

12 जून को बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हादसे का शिकार बना

उन्होंने कहा, “दुर्घटना के समय एक पायलट ने पूछा कि आपने इसे क्यों बंद कर दिया। हो सकता है कि इसके बाद उन्होंने फिर से स्विच चालू कर दिया हो, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।”उल्लेखनीय है कि 12 जून को लंदन जाने वाला बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई थी। इस विमान दुर्घटना में यात्री और चालक दल के सदस्यों के अलावा 19 और लोग मारे गए थे। यह एक दशक में सबसे घातक विमान दुर्घटना थी। 

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