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महिला सांसद ने भरे सदन में दिखाई खुद की Nude Photo, जानिए क्या है पूरा मामला?

AI Deepfake से संसद तक मचा हड़कंप, जब महिला सांसद ने खुद की AI जनरेटेड न्यूड फोटो दिखाई। जानिए डीपफेक क्या है, कैसे बनता है, इसके खतरे और सुरक्षा के उपाय।

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Dhiraj Dhillon
New Zealand MP Laura McClure

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।14 मई को न्यूजीलैंड की संसद में उस समय हड़कंप मच गया, जब सांसद लॉरा मैक्ल्योर ने खुद की AI जनरेटेड न्यूड फोटो सभी के सामने पेश कर दी। हालांकि यह तस्वीर असली नहीं थी, बल्कि डीपफेक तकनीक से बनाई गई थी, जिसे उन्होंने खुद सिर्फ 5 मिनट में इंटरनेट पर तैयार किया था। उनका उद्देश्य संसद और जनता को यह दिखाना था कि यह तकनीक कितनी खतरनाक और आसान हो गई है।  AI आधारित डीपफेक तकनीक अब सिर्फ एक डिजिटल टूल नहीं, बल्कि एक डिजिटल हथियार बन चुकी है। केवल जानकारी से ही आप इसका शिकार होने से बच सकते हैं।

डीपफेक क्या है और कितना खतरनाक?

डीपफेक एक AI आधारित तकनीक है, जिसमें किसी व्यक्ति के चेहरे, हावभाव और आवाज की हूबहू नकल कर फर्जी वीडियो, फोटो या ऑडियो तैयार किए जाते हैं। ये इतने रियल लगते हैं कि पहचानना मुश्किल हो जाता है।एक्सपर्ट मानते हैं किअब यह खतरा सिर्फ सेलिब्रिटी तक सीमित नहीं रह गया है। आम लोग, खासकर महिलाएं और लड़कियां भी इसके शिकार हो रही हैं।

New Zealand MP Laura McClure
Photograph: (Google)

कैसे बनाया जाता है डीपफेक?

  • AI और Generative Adversarial Networks (GANs) तकनीक का उपयोग होता है।
  • टारगेट व्यक्ति की तस्वीरें, वीडियो क्लिप्स और आवाजें सोशल मीडिया से ली जाती हैं।
  • AI मॉडल उन्हें सीखता है और फिर नकली सामग्री तैयार करता है।
  • एन्कोडर-डिकोडर तकनीक के जरिए चेहरे और हावभाव दूसरी तस्वीरों/वीडियो में फिट कर दिए जाते हैं।

डीपफेक की पहचान कैसे करें?

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  • चेहरे के हावभाव और लिप सिंक में हल्के अंतर पर ध्यान दें।
  • वीडियो में झटकेदार मूवमेंट को नोट करके पहचानें।
  • आंखों की पलक झपकने की गति भी संकेत दे सकती है।

किसे ज्यादा खतरा?

फिल्मी सितारे, राजनेता, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर
महिलाएं, लड़कियां और युवा जो सोशल मीडिया पर अधिक सक्रिय होते हैं।

डीपफेक से कैसे बचें?

सोशल मीडिया पर सीमित और सतर्क उपस्थिति बनाए रखें।
अपनी निजी तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने से बचें।
किसी संदिग्ध पोस्ट या कंटेंट को तुरंत रिपोर्ट करें।

भारत में क्या कानून हैं?

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साइबर लॉ एक्सपर्ट डा. के मुताबिक भारत में डीपफेक के खिलाफ फिलहाल कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन मौजूदा कानूनों के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इन कानूनों के बारे में जान लीजिए :

आईटी एक्ट 2000
धारा 66D: फर्जी पहचान से धोखाधड़ी
धारा 66E: निजता का उल्लंघन
धारा 67, 67A: अश्लील कंटेंट का प्रसारण

डीपफेक का शिकार होने पर क्या करें?

1. https://www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
2. सबूतों (वीडियो, लिंक, स्क्रीनशॉट) को इकट्ठा करें।
3. नजदीकी साइबर सेल या पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराएं।
4. सोशल मीडिया पर कंटेंट को रिपोर्ट करें और Take Down Request डालें।
5. महिलाओं के लिए 1091 या 181 हेल्पलाइन पर संपर्क करें।


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