नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले और इसके जवाब में शुरू किए गए 'ऑपरेशन महादेव' की पूरी जानकारी सदन के सामने रखी। उन्होंने बताया कि सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और अर्धसैनिक बलों के संयुक्त अभियान में तीन आतंकवादियों को ढेर किया गया, जो अप्रैल में हुए हमले के जिम्मेदार थे। शाह ने बताया कि ऑपरेशन महादेव की शुरुआत 22 मई 2025 को की गई थी, जबकि पहलगाम हमला 22 अप्रैल को हुआ था। इस हमले के तुरंत बाद सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया था ताकि हमलावर किसी भी हाल में सीमा पार न कर सकें।
पहचान में कोई चूक नहीं की गई
गृह मंत्री ने बताया कि आतंकियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए चार से पांच स्तरों पर पुष्टि की गई। आखिरी वैज्ञानिक पुष्टि मंगलवार सुबह 4:46 बजे चंडीगढ़ स्थित एफएसएल (
फॉरेंसिक साइंस लैब) से फोन के जरिए हुई। शाह ने कहा कि सरकार ने आतंकी मारे जाने के बाद कोई जल्दबाजी नहीं की और हर तथ्य को वैज्ञानिक आधार पर जांचा। उन्होंने कहा कि हमने न केवल आतंकियों की पहचान के लिए मानवीय स्रोतों (ह्यूमन इंटेलिजेंस) का उपयोग किया, बल्कि उनकी हथियारों से की गई फायरिंग का बैलेस्टिक मिलान भी कराया। हथियारों को विशेष विमान से श्रीनगर से चंडीगढ़ लाया गया, जहां पूरी रात फायरिंग करके खोखे जेनरेट किए गए। इन खोखों की तुलना पहलगाम हमले में मिले खोखों से की गई और दोनों का मिलान पूरी तरह से मेल खाता है।
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन
अमित शाह ने बताया कि 22 मई को इनपुट मिला कि दाची गांव के पास आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद सेना,
सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इलाके को घेर लिया। लगातार दो महीने तक ऊंचाई और ठंडे मौसम में सुरक्षा बलों ने आतंकियों की मौजूदगी की डिजिटल और फिजिकल निगरानी की। 22 जुलाई को आखिरकार आतंकियों की लोकेशन कन्फर्म हुई, जिसके बाद संयुक्त ऑपरेशन में तीनों आतंकियों को मार गिराया गया। गृह मंत्री ने बताया कि इसमें चार पैरा के जवान, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस शामिल थी। साथ ही, पांच ह्यूमन एसेट्स को भी इस्तेमाल किया गया।
मारे गए आतंकी ही थे हमले के दोषी
शाह ने कहा कि इन तीनों आतंकियों में से एक सुलेमाल, लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था और वही पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था। उनके मुताबिक, एनआईए ने पहले ही इन आतंकियों को पनाह देने वालों को हिरासत में लिया था, और उनसे मिली जानकारी से उनकी पहचान पुख्ता की गई। चार गवाहों ने भी इन आतंकियों को हमले से जोड़ने की पुष्टि की, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अंतिम पुष्टि वैज्ञानिक परीक्षणों के आधार पर ही की।
विपक्ष पर भी साधा निशाना
अमित शाह ने इस ऑपरेशन की सफलता पर सेना और एजेंसियों को लोकसभा के माध्यम से बधाई दी। वहीं, उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “मुझे यकीन है कि आतंकी मारे जाने की खबर से विपक्ष को खुशी होगी, लेकिन उनके चेहरों पर अब स्याही पड़ गई है। गृह मंत्री ने आगे कहा कि हम सबूतों के साथ जवाब देने आए हैं, और देश की सुरक्षा से जुड़े मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जिस वक्त हमला हुआ, वो खुद 22 अप्रैल को 5:30 बजे मौके पर पहुंचे थे, जबकि हमला 12:30 बजे हुआ था। amit shah