Indo-Pak Tension: सेना को मिलेंगे नए VSHORADS मिसाइल सिस्टम, दुश्मन के ड्रोन और फाइटर जेट होंगे तबाह
पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने छह किमी तक मार करने वाले VSHORADS मिसाइल सिस्टम की खरीद के लिए नया टेंडर जारी किया है। जानें पूरी जानकारी।
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने अपने वायु रक्षा सिस्टम को और मजबूत करने की तैयारी कर ली है। रक्षा मंत्रालय और सेना ने एक नया टेंडर (RFP) जारी किया है, जिसके तहत सेना को 48 लॉन्चर, 48 नाइट-विज़न साइट्स, 85 मिसाइलें और एक मिसाइल टेस्ट स्टेशन मिलेगा। ये सभी " वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम – न्यू जनरेशन" (VSHORADS-NG) के तहत खरीदे जाएंगे।
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क्या है VSHORADS-NG:VSHORADS-NG
यह एक पोर्टेबल ‘फायर-एंड-फॉरगेट’ मिसाइल सिस्टम है, जो इंफ्रारेड होमिंग तकनीक पर आधारित है। यह सिस्टम दुश्मन के फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर्स, ड्रोन और अन्य एयरक्राफ्ट को छह किलोमीटर तक की रेंज में नष्ट करने में सक्षम है।एक अधिकारी ने बताया, "सेना को यह सिस्टम तेजी से बदलते हवाई खतरों से निपटने के लिए चाहिए। फिलहाल ऐसे सिस्टम की भारी कमी है।"
Photograph: (Google)
कठिन इलाकों में भी उपयोगी
सेना द्वारा जारी RFP में कहा गया है कि यह ऑल-वेदर सिस्टम जैमिंग से सुरक्षित होना चाहिए और इसे पैराशूट से भी तैनात किया जा सके। इसका इस्तेमाल मैदानों से लेकर रेगिस्तान और 4500 मीटर की ऊंचाई वाले पर्वतीय इलाकों में किया जाएगा।
देशी सिस्टम अभी तैयार नहीं
DRDO द्वारा विकसित स्वदेशी VSHORADS अभी तक प्रोडक्शन के लिए तैयार नहीं है। फरवरी, 2025 में इसके नवीनतम ट्रायल हुए थे, लेकिन अंतिम स्वीकृति नहीं मिल सकी। इसी कारण सेना और वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ टकराव के समय इमरजेंसी प्रावधानों के तहत कुछ सिस्टम मंगवाए थे।
रूसी Igla-S का उपयोग
सेना और वायुसेना फिलहाल पुराने Igla-1M सिस्टम का इस्तेमाल कर रही हैं, जो 1989 से सेवा में हैं। हाल ही में रूस की नई पीढ़ी की Igla-S मिसाइलों को भी सीमित संख्या में शामिल किया गया, जिसे भारत में अदानी डिफेंस द्वारा असेंबल किया गया है। यह छह किमी तक की दूरी पर दुश्मन विमान को गिरा सकती है।
पुराना मामला फिर हुआ एक्टिव
दरअसल जून, 2009 में 5,175 VSHORADS यूनिट्स की खरीद के लिए एक त्रि-सेवा प्रस्ताव रखा गया था। फ्रांस और स्वीडन के सिस्टम्स के मुकाबले रूस की Igla-S को चुना गया, लेकिन तकनीकी ट्रांसफर और उत्पादन योजना शुरू नहीं हो सकी।जनवरी, 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद ने DRDO द्वारा विकसित VSHORADS मिसाइलों की डिजाइन और विकास को 1,920 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी।
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