नई दिल्ली/हैदराबाद, वाईबीएन डेस्क। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी हाल ही में सरकार की अगुवाई में विदेश भेजे गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से लौटे हैं। ओवैसी ने अल्जीरिया, सऊदी अरब, कुवैत और बहरीन जैसे मुस्लिम देशों में भारत का पक्ष मजबूती से रखा और पाकिस्तान की झूठी कहानी का पर्दाफाश कियाए लेकिन देश लौटते ही ओवैसी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि “घर की बात घर में होगी।” उन्होंने कहा कि अगर देश में मॉब लिंचिंग होगी या अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होगा, तो वे सरकार की आलोचना करते रहेंगे।
सलमान खुर्शीद ऐसे ले गए थे यू- टर्न
इससे पहले बृहस्पतिवार को कांग्रेस नेता
सलमान खुर्शीद का बयान सामने आया था, जिसमें वह विदेशी धरती पर जम्मू कश्मीर में धारा- 370 के बाद खुशहाली की बात से पलट गए थे।
सलमान खुर्शीद ने कहा था कि 370 के बाद कश्मीर में खुशहाली है, लेकिन भारत लौटकर बोले- मैं वहां नहीं रहता, वहां के नागरिकों की मांग राज्य दर्जा बहाली की है, इसलिए मुद्दा भी वही है। उन्होंने राहुल गांधी के नरेंदर- सरेंडर बयान का भी समर्थन किया और सीजफायर पर सवाल उठाए।
'ओवैसी कभी नहीं बदलेगा'
ओवैसी ने कहा, “मैं बदलने वाला नहीं हूं। जब तक सांस है, देश के खिलाफ किसी भी साजिश का विरोध करूंगा।” उन्होंने कहा कि भारत की छवि की रक्षा विदेशों में करना उनका कर्तव्य है, लेकिन देश के अंदर लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए सरकार से सवाल पूछना भी उतना ही जरूरी है।
सीजफायर की सूचना अमेरिका से क्यों?
ओवैसी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की जानकारी देश को अमेरिका के राष्ट्रपति के ट्वीट से क्यों मिली? उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मोदी या रक्षा मंत्रालय को यह जानकारी जनता को देनी चाहिए थी।
संसद में उठाएंगे सवाल
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि जुलाई में मानसून सत्र के दौरान वह पहलगाम आतंकी हमले और सुरक्षा चूक पर सरकार से जवाब मांगेंगे। अगर सरकार कहती है कि मामला संवेदनशील है, तो "इन-कैमरा डिबेट" की मांग करेंगे, जैसे पहले चीन युद्ध के समय हुआ था।