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असम, वाईबीएन डेस्क | असम की राजधानी गुवाहाटी में लगातार बारिश के चलते हुए भूस्खलन के बाद रूपनगर इलाके में एनडीआरएफ की टीमों ने एक समय-संवेदनशील रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। भूस्खलन के कारण दो मकान मलबे में तब्दील हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मलबे के नीचे दबे एक व्यक्ति की लोकेशन का पता लगा लिया गया है और उसे निकालने का प्रयास अगले कुछ घंटों में पूरा करने की योजना है।
4-5 फीट मलबा अभी हटाया जाना बाकी है
एनडीआरएफअधिकारी पंकज के. ने एएनआई से बात करते हुए बताया, "हमारी टीम मौके पर तैनात है और पूरी प्रोफेशनलिज्म से काम कर रही है। डॉग स्क्वॉड भी लगाया गया है। मलबे में फंसे व्यक्ति की सही लोकेशन हमें मिल चुकी है।"उन्होंने आगे बताया कि मलबे में बड़े-बड़े पत्थर हैं, जिन्हें हटाने के बाद व्यक्ति को बाहर निकाला जा सकेगा। "करीब 4-5 फीट मलबा अभी हटाया जाना बाकी है। हम कोशिश कर रहे हैं कि ऑपरेशन अगले डेढ़ घंटे में पूरा हो जाए।"
मोरीगांव में बाढ़ से 64 गांव प्रभावित
असम के मोरीगांव ज़िले में आज कम से कम 64 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। यहां के निवासियों को आवागमन और ज़रूरी वस्तुओं की उपलब्धता में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। मायोंग चापोरी गासबाड़ी क्षेत्र के निवासी लियाकत अली ने कहा, "इस गांव की हर एक फैमिली को एक जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।" यह गांव ब्रह्मपुत्र नदी के बीच स्थित है और यहां लगभग 200 परिवार रहते हैं। स्थानीय निवासी रबी सरकार ने बताया कि यह इस साल की पहली बाढ़ की लहर है और आगे तीन और बाढ़ की लहरें आने की आशंका है। उन्होंने कहा, "लोगों के पास नाव के अलावा कोई दूसरा साधन नहीं है, जिससे वे जिले के दूसरे हिस्सों तक पहुंच सकें।"
अब तक 21 मौतें, 4.44 लाख लोग प्रभावित
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अब तक बाढ़ से 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 लोग भूस्खलन के चलते मारे गए हैं। राज्य के 18 जिलों के 1296 गांवों में करीब 4.44 लाख लोग अब भी पहली बाढ़ लहर से प्रभावित हैं। साथ ही, 16558.59 हेक्टेयर कृषि भूमि भी पानी में डूबी हुई है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का दौरा
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार, 6 जून को हैलाकांडी और श्रीभूमि जिलों का दौरा किया और जिला प्रशासन व संबंधित विभागों के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की। उन्होंने कालीनगर और पंचग्राम में राहत शिविरों का भी दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार हरसंभव सहायता देगी और जैसे ही बाढ़ का पानी घटेगा, सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए तेजी से काम शुरू होगा।
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