Badrinath Dham के कपाट खुले, 10,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे, CM Dhami ने की पूजा, हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा
बदरीनाथ धाम के कपाट आज सुबह छह बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले गए। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पूजा-अर्चना की, मंदिर को 40 कुंतल गेंदे के फूलों से सजाया गया और हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा हुई। 10,000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
बदरीनाथ, वाईबीएन नेटवर्क।आज प्रातः 6 बजे रवि पुष्य नक्षत्र में बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए विधिवत रूप से खोल दिए गए। "जय बदरी विशाल" के जयकारों से धाम गूंज उठा, वहीं श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। छह माह से जल रही अखंड ज्योति के दर्शन के लिए देश-विदेश से आए 10,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
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मुख्यमंत्री धामी ने किए दर्शन
कपाट खुलने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं बदरीनाथ धाम पहुंचे और पूजा-अर्चना कर राज्यवासियों के लिए मंगलकामनाएं कीं। बदरीनाथ मंदिर को इस पावन अवसर पर भव्य रूप से सजाया गया। मंदिर की सजावट में लगभग 40 कुंतल गेंदे के फूल उपयोग किए गए। देर शाम तक सिंहद्वार पर सजावट का कार्य जारी रहा।
Photograph: (Google)
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पॉलीथिन मुक्त यात्रा का संकल्प
इस वर्ष चमोली जिला प्रशासन ने यात्रा को पॉलीथिन मुक्त रखने का निर्णय लिया है। डीएम संदीप तिवारी ने धाम और यात्रा पड़ावों के होटल व ढाबा संचालकों को पॉलीथिन के उपयोग से बचने का आग्रह किया है।इसके साथ ही कर्णप्रयाग, गौचर, नंदप्रयाग, पीपलकोटी, ज्योतिर्मठ, गोविंदघाट और पांडुकेश्वर के प्रतिष्ठानों को साफ-सफाई रखने, रेट लिस्ट चस्पा करने और फायर सिलिंडर रखने के निर्देश भी दिए गए हैं।
बद्रीनाथ धाम में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
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रविवार सुबह 6 बजे, बद्रीनाथ मंदिर के कपाट विधिविधान से खोले गए। इस पावन अवसर पर हजारों श्रद्धालु कपाटोद्घाटन के साक्षी बने। उत्तराखंड के चमोली ज़िले में स्थित यह मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर नर और नारायण पर्वतों के बीच स्थित है। यह मंदिर हर वर्ष मई से नवंबर तक तीर्थयात्रियों के लिए खुला रहता है, जबकि शीतकाल में भगवान बद्री नारायण की पूजा जोशीमठ के नरसिंह मंदिर में की जाती है।
भगवान विष्णु का बैकुंठधाम
बद्रीनाथ धाम को पृथ्वी पर स्थित बैकुंठ कहा जाता है, जो भगवान विष्णु का निवास स्थल माना गया है। मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु यहां 6 माह योगनिद्रा में और 6 माह जाग्रत अवस्था में रहते हैं। श्रद्धालु यहां शालीग्राम से निर्मित चतुर्भुज स्वरूप में भगवान नारायण के दर्शन करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। दो दिन पहले ही केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं।कपाट खुलते ही मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
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