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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: बिहार में वोटर लिस्ट के सघन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सख्त चेतावनी दी है। मंगलवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अगर बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए, यानी "मास एक्सक्लूजन" हुआ, तो अदालत हस्तक्षेप करेगी। अदालत ने चुनाव आयोग से कहा कि वह एक संवैधानिक संस्था है और उसे संविधान के अनुरूप ही कार्य करना चाहिए।
नियमों के अनुरूप कार्य करेगा चुनाव आयोग
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को भरोसा दिलाया कि अगर मतदाता सूची में नामों का बड़े स्तर पर बहिष्करण होता है, तो वह चुप नहीं बैठेगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12-13 अगस्त की तारीख तय की है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची ने कहा कि चुनाव आयोग ने अदालत में यह भरोसा दिया है कि वह नियमों के अनुरूप कार्य करेगा। अगर आयोग अपने दिए गए भरोसे से अलग दिशा में जाता है, तो अदालत इसमें हस्तक्षेप करने से नहीं हिचकेगी।
1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि 1 अगस्त को जब ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित होगी, तो याचिकाकर्ता यह पहचानें कि कौन-कौन से नाम सूची से छूट गए हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि नाम जोड़ने और सुधार के लिए 30 दिनों की प्रक्रिया उपलब्ध है, और इस दौरान लोग आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। न्यायमूर्ति बागची ने कहा, "आपकी आशंका है कि लगभग 65 लाख मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। चुनाव आयोग 2025 की प्रविष्टियों के संबंध में सुधार करना चाहता है। हम एक न्यायिक प्राधिकरण के रूप में इस मामले की निगरानी कर रहे हैं। अगर हमें लगेगा कि नामों को बड़े पैमाने पर हटाया गया है, तो हम तत्काल हस्तक्षेप करेंगे।
जीवित लोग मतदाता सूची से बाहर न हों
कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जीवित लोग मतदाता सूची से बाहर न हों। आयोग को नागरिकों की मदद करनी चाहिए ताकि कोई योग्य मतदाता छूट न जाए। चुनाव आयोग ने भी यह आश्वासन दिया है कि जिन लोगों के नाम सूची में छूट जाएंगे, उन्हें आपत्ति दर्ज कराने का अधिकार मिलेगा, और इसके लिए 30 दिन का समय होगा। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से स्पष्ट है कि वह मतदाता अधिकारों को लेकर सतर्क है और अगर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किसी तरह की गड़बड़ी होती है, तो वह हस्तक्षेप करने में देर नहीं करेगा। Bihar SIR News
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