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Photograph: (File)
ब्रिटेन सरकार ने भारत के लिए अपने यात्रा परामर्श को कुछ सप्ताह के भीतर ही दूसरी बार ब्रिटिश नागरिकों को आगाह किया कि बिना लाइसेंस के देश में सैटेलाइट फोन ले जाने या उसका इस्तेमाल करने पर उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है या उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने भारत के लिए अपने परामर्श के 'सुरक्षा और संरक्षा' खंड की समीक्षा की, जिसमें कहा गया है कि ब्रिटेन के लोगों को भारत में अवैध रूप से ऐसे उपकरण लाने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
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बिना लाइसेंस के सैटेलाइट फोन चलाना गैरकानूनी
एफसीडीओ की ताजा इंर्फेमेशन में कहा गया है, 'भारत में बिना लाइसेंस के सैटेलाइट फोन और जीपीएस उपकरण रखना और उनका संचालन करना गैर कानूनी है, भले ही आप भारत से होकर किसी अन्य जगह की यात्रा कर रहे हों।' एडवायजरी में कहा गया, 'पाबंदी के अंतर्गत अन्य उपग्रह-सक्षम उपकरण भी आ सकते हैं, जिनमें साइकलिंग जीपीएस शामिल हैं। बिना अनुमति के इन उपकरणों को रखने पर आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है या आपको गिरफ्तार किया जा सकता है तथा सामान को जब्त भी किया जा सकता है।'
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कश्मीर और मणिपुर की यात्रा से बचें नागरिक
भारत में सैटेलाइट फोन और जीपीएस उपकरण के इस्तेमाल पर पिछली सूचना दिसंबर के अंत में जारी की गई थी। एफसीडीओ का देश-आधारित परामर्श यात्रा पर मार्गदर्शन है, न कि सरकार द्वारा लगाया गया विनियमन। इसका उद्देश्य यात्रियों के लिए जोखिमों को चिह्नित करना है ताकि वे 'सुविचारित निर्णय' ले सकें और यदि सलाह की अनदेखी की जाती है, तो यात्रा बीमा अमान्य हो सकता है। भारत के लिए परामर्श का बाकी हिस्सा अपरिवर्तित है, जिसमें वाघा को छोड़कर भारत-पाकिस्तान सीमा के 10 किमी के भीतर किसी भी प्रकार की यात्रा न करने की सलाह दी गई है। कश्मीर और मणिपुर को लेकर भी ब्रिटेन के नागरिकों के लिए यात्रा चेतावनी जारी रहेगी।
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कैसे करता है काम
सेटेलाइट फोन में एक विशेष एंटीना होता है जो सीधे उपग्रहों से संपर्क करता है। जब आप कॉल करते हैं या मैसेज भेजते हैं, तो यह सिग्नल सीधे उपग्रह तक पहुंचता है। फिर यह सिग्नल दूसरे उपग्रह या ग्राउंड स्टेशन के माध्यम से रिसीवर तक भेजा जाता है. इस प्रक्रिया में सामान्य मोबाइल नेटवर्क की तुलना में अधिक समय और ऊर्जा लगती है।