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Budget 2025: गिग वर्कर्स के लिए बड़ा एलान, वित्त मंत्री ने दिखाई दरियादिली

बजट 2025 में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले गिग वर्कर्स के लिए खास स्कीम का ऐलान किया है। सरकार एक करोड़ ‘गिग कर्मियों’ की सहायता के लिए ई-श्रम मंच पर पहचान पत्र तथा पंजीकरण की व्यवस्था करेगी।

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Vivek Sharma
GIG WORKER BILL BUDGET
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। 

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देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना 8वां बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने सभी क्षेत्रों के लिए कई बड़े ऐलान किए। खासकर मध्यम वर्ग के लिए पिटारा खोल दिया है। अब 12 लाख तक कोई टैक्स नहीं लगेगा जोकि बहुत बड़ी बात है। वित्त मंत्री ने इस बार के बजट में आर्थिक सुधारों की दिशा में कई बड़े कदम उठाए।  सीतारमण ने सभी क्षेत्रों के लोगों का ध्ंयान रखा है। खास तौर पर छोटी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को खुश करने का प्रयास किया है। इसमें फूड डिलिवरी से जुड़े कर्मचारी भी शामिल हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले गिग वर्कर्स के लिए खास स्कीम का ऐलान किया है।  सरकार एक करोड़ ‘गिग कर्मियों’ की सहायता के लिए ई-श्रम मंच पर पहचान पत्र तथा पंजीकरण की व्यवस्था करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए डिलिवरी सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारी आदि गिग कर्मियों की श्रेणी में आते हैं। केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक योजना लागू की जाएगी

कर्मचारियों को मिलेंगे ये फायदे

उन्होंने कहा कि ऑनलाइन मंच के ‘गिग’ वर्कर ‘न्यू एज’ सेवा अर्थव्यवस्था को बहुत गतिशीलता प्रदान करते हैं। उनके योगदान को मान्यता देते हुए हमारी सरकार ई-श्रम पोर्टल पर उनके पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी। सीतारमण ने कहा कि ऐसे श्रमिकों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और इस उपाय से करीब एक करोड़ श्रमिकों को सहायता मिलने की संभावना है। 

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बीमा सुविधाएं और सोशल सिक्योरिटी

गिग वर्कर्स को आमतौर पर किसी कंपनी का कर्मचारी नहीं माना जाता, इसलिए उन्हें सामाजिक  सुरक्षा के लाभ नहीं मिलते। हालांकि, स्विग्गी और जोमाटो जैसी कंपनियों ने बीमा योजनाओं के तहत इन्हें दुर्घटना, मृत्यु और स्वास्थ्य कवर जैसी सुविधाएं प्रदान की हैं। जोमाटो के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 55% क्लेम हेल्थ संबंधित थे।

सोशल सिक्योरिटी कोड का महत्व

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2020 में संसद ने सोशल सिक्योरिटी कोड लागू किया था, जिसमें गिग वर्कर्स के लिए दुर्घटना कवर, स्वास्थ्य और मातृत्व लाभ, पेंशन, जीवन और दिव्यांगता कवर जैसी सुविधाएं शामिल थीं। हालांकि, यह कोड अभी तक प्रभाव में नहीं आया है, लेकिन सरकार के इस कदम से गिग  वर्कर्स को नई उम्मीदें मिल सकती हैं।

गिग वर्कर्स की बढ़ती संख्या

भारत में ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर काम करने वाले गिग वर्कर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। जेप्टो, ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट जैसे क्विक कॉमर्स ऐप्स और स्विग्गी, जोमाटो जैसे फूड एग्रीगेटर ऐप्स ने इस क्षेत्र में भारी मांग पैदा की है। जोमाटो के पास 2024 में 1.5 मिलियन डिलीवरी पार्टनर थे। नीति आयोग के अनुसार, गिग वर्कफोर्स 2029-30 तक 23.5 मिलियन तक तीन गुना हो सकता है।

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राहुल उठाते रहे हैं गिग वर्कर्स का मुद्दा

कांग्रेस नेता और लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी गिग वर्कर्स का मुद्दा काफी जोर-शोर से उठाते रहे हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल ने गिग वर्कर्स से मुलाकात करके उनकी समस्याओं को सुना और उन्हें दूर करने का आश्वासन दिया था।

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